अयोध्या में बने राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के मुख्य आचार्य और काशी के प्रकांड विद्वान पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित जी का निधन हो गया। उन्होंने 90 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। लक्ष्मीकांत दीक्षित काफी समय से बीमार थे। काशी में उनकी गिनती यजुर्वेद के अच्छे विद्वानों में होती थी। वे वेदों के भी अच्छे जानकार माने जाते थे। अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान लक्ष्मीकांत दीक्षित की अध्यक्षता में 121 पंडितों की टीम ने ही किया था। वे रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान गर्भगृह में भी मौजूद थे। सीएम योगा आदित्यनाथ समेत कई शीर्ष नेताओं ने उनके निधन पर शोक जताया है। पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित मूल रूप से महाराष्ट्र के शोलापुर के रहने वाले हैं। लेकिन उनका परिवार कई पीढ़ियों से वाराणसी में रह रहा है। उन्होंने अपने चाचा गणेश दीक्षित भट्ट से वेद और अनुष्ठानों की दीक्षा से ली थी। पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित बनारस के मीरघाट में सांगवेद महाविद्यालय के वरिष्ठ आचार्य थे। जिसकी स्थापना काशी नरेश की मदद से हुई थी।