यूट्यूबर ध्रुव राठी के एक वीडियो को लेकर कोर्ट ने कहा कि उन्होंने किसी कंपनी के प्रोडक्ट को दिखाकर लक्ष्मण रेखा पार की है। हाई कोर्ट ने कहा कि वीडियो में प्रोडक्ट के नाम को ब्लर करना होगा। इसके साथ ही डाबर कंपनी और यूट्यूबर के बीच चल रही मुकदमेबाजी खत्म हो गई। दरअसल अपनी एक वीडियो में ध्रुव राठी ने ताजे जूस की तुलना पैक्ड जूस से की थी। इसमें उन्होंने डाबर कंपनी के रीयल फ्रूट जूस को दिखाया था। डाबर कंपनी ने इसपर आपत्ति जताई और कोर्ट पहुंच गई।
दरअसल राठी के वीडियो में रीयल के ट्रेडमार्क को दिखाया गया था। मार्च 2023 को इसको लेकर जस्टिस रवि कृष्ण कि बेंच ने आदेश दिया था और कहा था कि वीडियो का पब्लिक ऐक्सेस रोक दिया जाए। कोर्ट ने कहा था, कॉन्टेंट क्रिएटर ने लक्ष्मण रेखा पार कर दी है। उसने रीयल जूस को टारगेट करते हुए कहा है कि यह किस तरह से स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। कोर्ट में डाबर की तरफ से ऐडवोकेट देवनाथ घोष, विश्वरूप मुखर्जी, आबिर देवनाथ और प्रदीप्त बोस हाजिर हुए थे। वहीं ध्रुव राठी की ओर से ऐडवोकेट सत्याकी मुखर्जी, नकुल गांधी, याश वरदान देओरा. एशना कुमार और मुजीब रहमान हाजिर हुए थे।
जस्टिस कृष्ण राव की संगिल जज बेंच ने कहा कि ध्रुव राठी अपनी वीडियो में दिखाए गए रीयल जूस को ब्लर कर दें। इसपर ध्रुव राठी और डाबर कंपनी दोनों ही सहमत हो गए। कोर्ट ने कहा कि राठी को भी अभिव्यक्ति का अधिकार है। हालांकि उन्हें निष्पक्ष तरीके से टिप्पणी करनी चाहिए और कंपनी के प्रोडक्ट को ब्लर करके दिखाना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि वादी इस बात पर सहमत है कि ध्रुव राठी अपने वीडियो में प्रोडक्ट को बद्ललर करेंगे। वीडियो में जहां भी रीयल जूस को दिखाया गया है, सभी जगह पर इसे ब्लर करना होगा। इसमें कंपनी का ट्रेडमार्क, कॉपीराइट, कॉन्टेंट, लेबल,पैकेजिंग नहीं दिखाई देना चाहिए। कोर्ट ने कहा, दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हैं कि मुकदमेबाजी का कोई फायदा नहीं है इसलिए दोनों की सहमति से इस मामले को खत्म किया जाता है।