कथित जमीन घोटाले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मुश्किलें एक बार फिर से बढ़ सकती हैं। सोरेन की जमानत के फैसले के खिलाफ ईडी ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की है। सोमवार को ईडी ने झारखंड हाईकोर्ट के सिंगल बेंच के फैसले के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
बता दें कि कथित जमीन घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को 31 जनवरी को ईडी ने गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद सोरेन को जेल भेज दिया गया। तब चंपाई सोरेन ने झारखंड के सीएम का पद संभाला था। बाद में झारखंड हाई कोर्ट ने जमानत देते हुए सोरेन को रिहा कर दिया था। जेल से वापस आने के बाद हेमंत सोरेन ने एक बार फिर से मुख्यमंत्री की शपथ ले ली है। आज सोरेन सरकार की कैबिनेट का विस्तार भी हुआ। उनके साथ 11 और मंत्रियों ने शपथ ली। हालांकि, मंत्रिमंडल के विस्तार के ही दिन सोरेन के लिए मुश्किलें खड़ी कर देने वाली खबर सामने आ गई। अब ईडी ने झारखंड हाई कोर्ट के जमानत वाले फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
इससे पहले हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान ईडी के वकील ने दलील दी थी कि यदि सोरेन को जमानत पर रिहा किया गया तो वह इसी तरह का अपराध कर सकते हैं और उन्होंने अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति पुलिस थाने में ईडी अधिकारियों के खिलाफ दर्ज मामलों का हवाला दिया था।
हाई कोर्ट ने हेमंत सोरेन को जमानत देते हुए आदेश में कहा था कि याचिकाकर्ता द्वारा प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों के खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी के आधार पर ईडी ने उनके आचरण को रेखांकित किया है लेकिन मामले के सभी परिप्रेक्ष्य में, याचिकाकर्ता द्वारा समान प्रकृति का अपराध करने की कोई संभावना नहीं है।
लोकसभा चुनावों के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक निश्चित समय के लिए जमानत मिली थी। बाद में 1 जून को केजरीवाल को तिहाड़ जेल में सरेंडर करना पड़ा। उस समय हेमंत सोरेन को जमानत नहीं मिली। इस दौरान लोगों ने कई तरह के सवाल उठाने शुरू कर दिए थे। हालांकि, अब अरविंद केजरीवाल जेल के अंदर हैं और सोरेन जमानत पर बाहर आ गए हैं। बाहर आने के साथ ही उन्होंने झारखंड की कमान अपने हाथों में ले ली है। हालांकि, ईडी के सुप्रीम कोर्ट में जमानत के खिलाफ अर्जी दायर करने के बाद एक बार फिर से सोरेन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।