भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय वार्ता का ये कार्यक्रम 25 साल से चल रहा है. 22 बार हम मिल चुके हैं. लेकिन ये शायद मीटिंग ऐसी है कि पूरे विश्व का ध्यान मेरी इस यात्रा पर केंद्रित हुआ है. विश्व भांति-भांति के मीनिंग निकाल रहा है.
मोदी और पुतिन की इस शिखर वार्ता को सारी दुनिया टकटकी लगाकर देख रही है. खासकर रूस विरोधी नाटो देश. जो अमेरिका में बैठक के लिए इकट्ठा हैं. सारी दुनिया ये देखना चाहती थी कि तीसरी बार जीत के बाद नरेंद्र मोदी यूक्रेन पर राष्ट्रपति पुतिन को क्या संदेश देते हैं? युद्ध को रोकने के लिए प्रधानमंत्री मोदी शांति का वो कौन सा सूत्र पेश करते हैं. जिसे पुतिन के सामने रखने की हिम्मत सिर्फ और सिर्फ भारत के प्रधानमंत्री के पास है.
1. भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय व्यापार से संबंधित गैर-टैरिफ व्यापार बाधाओं को खत्म करने की उम्मीद जताई गई. संतुलित द्विपक्षीय व्यापार (Bilateral Trade) को जारी रखने के लिए भारत से माल की आपूर्ति में बढ़ोतरी सहित, 2030 तक 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर से ज्यादा के आपसी व्यापार की उपलब्धि हासिल करना भी दोनों देशों का लक्ष्य है.
2. राष्ट्रीय मुद्राओं का इस्तेमाल करके द्विपक्षीय निपटान प्रणाली (Bilateral Settlement System) का विकास करना और आपसी निपटान में डिजिटल वित्तीय उपकरणों को बढ़ोतरी देने पर भी इस वार्ता का मुख्य मुद्दा रहा.
3. उत्तर-दक्षिण अंतर्राष्ट्रीय परिवहन गलियारे (North-South International Transport Corridor), उत्तरी समुद्री मार्ग और चेन्नई-व्लादिवोस्तोक समुद्री लाइन के नए मार्गों की शुरुआत के जरिए भारत के साथ कार्गो कारोबार में बढ़ोतरी पर भी दो देशों में सहमति बनी है.
4. कृषि उत्पादों, खाद्य और उर्वरकों में द्विपक्षीय व्यापार की मात्रा में बढ़ोतरी, पशु चिकित्सा, स्वच्छता और पादप स्वच्छता प्रतिबंधों (Phytosanitary Restrictions) और निषेधों को हटाने के उद्देश्य से एक गहन संवाद का रखरखाव जारी रखना भी इस वार्ता का मुख्य उद्देश्य रहा.
5. परमाणु ऊर्जा, तेल शोधन और पेट्रोकेमिकल सहित प्रमुख ऊर्जा क्षेत्रों में सहयोग का विकास और ऊर्जा बुनियादी ढांचे, टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में सहयोग और साझेदारी के विस्तारित रूप को बढ़ावा देना पर सहमति बनी.
6. बुनियादी ढांचे के विकास, परिवहन इंजीनियरिंग, ऑटोमोबाइल उत्पादन और जहाज निर्माण, अंतरिक्ष और अन्य औद्योगिक क्षेत्रों में बातचीत को मजबूत करना. सहायक कंपनियों और औद्योगिक समूहों का निर्माण करके भारतीय और रूसी कंपनियों को एक-दूसरे के बाजारों में प्रवेश की सुविधा प्रदान करने पर सहमति बनी.
7. डिजिटल अर्थव्यवस्था, विज्ञान और अनुसंधान, शैक्षिक आदान-प्रदान और उच्च तकनीक कंपनियों के कर्मचारियों के लिए इंटर्नशिप के विभिन्न क्षेत्रों में निवेश और संयुक्त परियोजनाओं को बढ़ावा देना. अनुकूल राजकोषीय व्यवस्थाएं प्रदान करके नई सहायक कंपनियों के निर्माण की सुविधा देने पर दोनों देशों के बीच सहमति बनी.
8. दवाओं और उन्नत चिकित्सा उपकरणों के विकास और आपूर्ति में व्यवस्थित सहयोग को बढ़ावा देने, रूस में भारतीय चिकित्सा संस्थानों की शाखाएं खोलने और योग्य चिकित्सा कर्मियों की भर्ती के साथ-साथ चिकित्सा और जैविक सुरक्षा के क्षेत्र में समन्वय को मजबूत करने की संभावना का अध्ययन करने पर सहमति बनी.
9. मानवीय सहयोग का विकास, शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, संस्कृति, पर्यटन, खेल, स्वास्थ्य देखभाल और अन्य क्षेत्रों में बातचीत का लगातार विस्तार करने भी दोनों देशों के बीच बात बनी.