झारखंड के 27 श्रमिक अफ्रीकी देश कैमरून में फंसे हुए हैं। मूल रूप से हजारीबाग, बोकारो और गिरिडीह के रहने वाले इन श्रमिकों ने भारत सरकार और राज्य सरकार से मदद मांगी है। सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर अपनी दुर्दशा व्यक्त करते हुए कहा है कि वे कैमरून में एलएंडटी कंपनी में कार्यरत हैं, लेकिन चार महीने से उन्हें वेतन नहीं दिया गया है।
उन्हें वहां ले जाने वाला ठेकेदार भी फरार है। उनके समक्ष भूखों मरने की नौबत आ गई है।
वीडियो जारी कर क्या बताया
मजदूरों ने जारी वीडियो में बताया कि वे सभी 27 लोग एक ठेकेदार के माध्यम से ट्रांसमिशन लाइन में काम करने के लिए 29 मार्च को कैमरून गए थे। एलएंडटी कंपनी में उन्हें काम तो मिल गया, लेकिन वेतन नहीं मिलने से खाने-पीने का संकट खड़ा हो गया है। यहां कोई मदद करने वाला नहीं है। इसलिए भारत और झारखंड की सरकार उनके बकाए वेतन का भुगतान कराने और वतन वापसी में मदद करें।
इधर, प्रवासी मजदूरों के हित में काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता सिकंदर अली ने कहा कि सरकार श्रमिकों की वापसी के लिए ठोस पहल करे। पहले भी ऐसे मामले सामने आ चुके हैं। सरकार को प्रवासी मजदूरों के लिए स्थानीय स्तर पर रोजगार की व्यवस्था करनी चाहिए।