झारखंड हाई कोर्ट के एक जज करीब आधे घंटे तक ट्रैफिक जाम में फंसे रहे। हाई कोर्ट ने जज को कोर्ट और उनके आवास के बीच आवागमन के दौरान सुरक्षा प्रदान करने में राज्य पुलिस द्वारा सुरक्षा में चूक का स्वत: संज्ञान लिया है।
दरअसल, 23 अगस्त को हाई कोर्ट के जज संजय कुमार द्विवेदी हाई कोर्ट से कांके रोड स्थित अपने आवास लौटते समय उन्हें हुए असुविधा और असुरक्षा के बारे में बात कर रहे थे। कांके रोड पर ही मुख्यमंत्री का आवास भी स्थित है। उस दिन एक राजनीतिक दल ने प्रदर्शन का आयोजन किया था। जब जज कोर्ट जा रहे थे तो पता चला कि उनके आवास पर एक पीसीआर वैन भेजी गई है। पूछताछ करने पर पीएसओ ने बताया कि सुबह जज के घर जाते समय उन्हें मुख्यमंत्री आवास तक ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ा था। जिसके चलते उन्होंने पीसीआर वैन मंगवाई थी। इसके बाद जज को सुरक्षित कोर्ट तक पहुंचाया गया।
झारखंड के पुलिस महानिदेशक ने सुरक्षा चूक की बात स्वीकार करते हुए आश्वासन दिया कि भविष्य में ऐसा नहीं होगा। बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार, झारखंड हाई कोर्ट के जज संजय कुमार द्विवेदी ने एक राजनीतिक दल द्वारा आयोजित प्रदर्शन के कारण अदालत से आने-जाने के दौरान ट्रैफिक जाम के दर्दनाक अनुभव का सामना करने के बाद स्वत: संज्ञान लेते हुए मामले की सुनवाई की। वह आधे घंटे तक ट्रैफिक जाम में फंसे रहे और उनके निजी सुरक्षा अधिकारी (पीएसओ) के बार-बार अनुरोध के बावजूद पुलिस अधिकारी ने कुछ नहीं किया।
कोर्ट ने कहा कि यदि उच्च न्यायालय का एक न्यायाधीश सुरक्षित नहीं है, तो इसका मतलब है कि अन्य सभी न्यायाधीशों की सुरक्षा भी खतरे में है। कोर्ट ने जज उत्तम आनंद की हत्या का भी जिक्र किया, जिन्हें सुबह की सैर के दौरान एक ऑटो-रिक्शा ने टक्कर मार दी थी।