टिकट मिलने के बाद विनेश फोगाट ने चुनावी प्रचार भी शुरू कर दिया है। विनेश फोगाट का दावा है कि चुनौतियां चाहे जो आएं वो उन्हें पारकर जीतना जानती हैं।
चुनाव आयोग के नियमों के मुताबिक, जब तक विनेश फोगाट का इस्तीफा रेलवे मंजूर नहीं कर लेता और उन्हें एनओसी नहीं दे देता है। तब तक वो चुनाव नहीं लड़ सकती हैं। उत्तर रेलवे का कहना है कि कारण बताओ नोटिस सेवा नियमावली का हिस्सा है, क्योंकि रेलवे के रिकॉर्ड में वो अभी भी सरकारी कर्मचारी हैं। रेलवे उनसे इस्तीफा देने का कारण जानना चाहता है। रेलवे के नियमों के अनुसार, रेलवे कर्मचारी द्वारा इस्तीफा देने के बाद तीन महीने के नोटिस पीरियड को पूरा करना जरूरी है। इसलिए बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट के द्वारा इस्तीफा भेजने के बाद एक कारण बताओं नोटिस दिया गया है। विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया का जवाब मिलने के बाद रेलवे दोनों को कार्यमुक्त कर सकती है। इस्तीफा मानदंडों में ढील देने का फैसला भी कर सकती है। दोनों की सियासी पारी में एक पेंच और फंसा हुआ है। कोई व्यक्ति सरकारी कर्मचारी रहते हुए किसी राजनीति पार्टी को ज्वाइन नहीं कर सकता है।