कोर्ट ने अपने ऐतिहासिक फैसले में कहा कि बच्चों की पोर्नोग्राफिक क्लिप ऑनलाइन देखना या डाउनलोड करना अपराध है। कोर्ट की मानें तो कानून की सख्ती से बुरी आदत से छुटकारा मिलेगा। हालांकि, कोर्ट ने माना कि कानून का दुरुपयोग भी संभव है। ऐसे में इसे सख्ती से लागू करने की जरूरत है।
मोबाइल यूजर्स पर क्या होगा असर
जैसा कि मालूम है कि देश में कई ऑनलाइन वेबसाइट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म हैं, जहां से बच्चों के अश्लील वीडियो आसानी से उपलब्ध हैं। ऐसे में अगर आप मोबाइल, लैपटॉप या किसी अन्य डिवाइस पर बच्चों के अश्लील वीडियो देखते या डाउनलोड करते हैं तो इसके लिए आपको जेल भी जाना पड़ सकता है।
वीडियो देखना और डाउनलोड करना अपराध है
कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट के फैसले को पलट दिया है। मद्रास हाईकोर्ट ने चाइल्ड पोर्नोग्राफी को अपराध नहीं माना। कोर्ट ने कहा कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी के तहत आईटी एक्ट और पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किया जा सकता है। ऐसे में चाइल्ड पोर्नोग्राफी वीडियो देखने या डाउनलोड करने पर आपको जेल भी जाना पड़ सकता है। आप पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
कोर्ट ने नाम बदलने की सलाह दी
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट को चाइल्ड पोर्नोग्राफी का नाम बदलकर चाइल्ड एक्सप्लोसिव और अब्यूज मटीरियल कर देना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि सरकार को इस बारे में अध्यादेश लाना चाहिए, फिर उसे संसद में पेश कर नाम बदलना चाहिए।
केंद्र सरकार ने ऐसे ऐप और साइट्स पर बैन लगा दिया है
केंद्र सरकार ने पहले ही कई वेबसाइट और ऐप पर बैन लगा दिया है, जो चाइल्ड पोर्नोग्राफी वीडियो उपलब्ध करा रहे थे। लेकिन अब वीडियो उपलब्ध कराने के साथ-साथ वीडियो देखने और डाउनलोड करने वालों को भी अपराधी बनाया जाएगा।