बलौदाबाजार,30 नवंबर 2024/कलेक्टर दीपक सोनी ने आज छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग 2023 के परीक्षा में सर्वोच्च अंक हासिल करने ग्राम कोसमंदी निवासी टॉपर रविशंकर वर्मा को विडियो कॉल के जरिए बधाई दी। साथ ही जिला प्रशासन द्वारा नवाचार कार्यक्रम हम होंगे कामयाब अंतर्गत जिले के युवाओं एवं प्रतियोगी परीक्षाओं में तैयारी कर रहे छात्र छात्राओं को मार्गदर्शन देने के लिए श्री वर्मा को आमंत्रित किया। श्री वर्मा ने भी आमंत्रण को स्वीकार करते हुए आगामी दिनों बलौदाबाजार आने की बात कही। उन्होंने बताया की वे वर्तमान में कोरिया जिले रोजगार अधिकारी के रूप में पदस्थ हु, प्रशासनिक अकादमी निमोरा में अभी ट्रेनिंग चल रही है। इस दौरान उन्होंने अपने परिवारिक पृष्ठभूमि के बताया। इसके साथ ही कलेक्टर श्री सोनी ने ग कसडोल विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत कटगी के 19 वीं रैंक हासिल करने वाले अजय कुमार देवांगन और उनके पिता से बातचीत कर बधाई देते हुए उनका हौसला बढ़ाया।
*कोरिया जिला में पदस्थ रोजगार अधिकारी ने साबित की मेहनत, लगन व जुनून का कोई विकल्प नहीं*
जिले के छोटे से गांव कोसमंदी में जन्मे रविशंकर वर्मा की कहानी हर उस युवा के लिए प्रेरणा है, जो सीमित संसाधनों और कठिन परिस्थितियों के बावजूद बड़े सपने देखने की हिम्मत रखते हैं। किसान पिता श्री बालकृष्ण और गृहिणी मां श्रीमती योगेश्वरी और एक बड़े भाई और दो बड़ी बहन के इस लाड़ले ने अपने दृढ़ निश्चय और समर्पण से वह मुकाम हासिल किया, जो लाखों अभ्यर्थियों का सपना होता है—डिप्टी कलेक्टर बनना।
*सपनों की नींव*
रविशंकर का जीवन साधारण ग्रामीण पृष्ठभूमि से शुरू हुआ। पढ़ाई में शुरू से ही रुचि रखने वाले रविशंकर ने इलेक्ट्रॉनिक्स ब्रांच में बीटेक किया और एनआईटी से पढ़ाई पूरी की। पढ़ाई के बाद प्राइवेट नौकरी शुरू की, लेकिन मन सिविल सेवा में जाने का था। यही सपना उन्हें अपनी आरामदायक नौकरी छोड़कर एक कठिन राह चुनने के लिए प्रेरित करता रहा।
*कठिनाइयों के बीच जारी रहा संघर्ष*
रविशंकर ने पहली बार छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (PSC) की परीक्षा दी, लेकिन सफलता उनके हाथ नहीं लगी। यह सिलसिला चलता रहा और उनके चार प्रयास असफल हो गए। 2021 में पांचवें प्रयास में उन्हें 50वीं रैंक मिली और वे रोजगार अधिकारी बने। हालांकि, उनका सपना डिप्टी कलेक्टर बनने का था और उन्होंने इसे कभी नहीं छोड़ा। जिला कोरिया में रोजगार अधिकारी की जिम्मेदारी निभाते हुए, रोज 9 घंटे की सरकारी ड्यूटी, पत्नी और एक एक साल की छोटी बिटिया के साथ कोरिया में ही रहकर रवि वर्मा ने अपने सपने को पूरा करने की तैयारी करते रहे।
*सोशल मीडिया और समय का प्रबंधन*
अक्सर कहा जाता है कि सिविल सेवा की तैयारी के लिए सोशल मीडिया से दूर रहना चाहिए, लेकिन रविशंकर ने इस धारणा को गलत साबित किया। उन्होंने सोशल मीडिया का सही और सीमित उपयोग किया। उनकी सफलता का राज समय का प्रबंधन था। उन्होंने बताया कि यदि आपका कॉन्सेप्ट क्लियर है, तो कम समय में भी बेहतर तैयारी की जा सकती है।
*साक्षात्कार में आत्मविश्वास की जीत*
रविशंकर का इंटरव्यू शानदार रहा। साक्षात्कार के दौरान उनसे सब्जेक्ट के साथ उनकी हॉबी क्रिकेट से जुड़े सवाल भी पूछे गए। उन्होंने आत्मविश्वास के साथ सभी सवालों का जवाब दिया,जो उनकी सफलता की अहम वजह बना।
*कामयाबी की नई ऊंचाई*
2024 में, छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के परिणाम घोषित हुए और रविशंकर वर्मा टॉपर्स की सूची में सबसे ऊपर रहे। यह पल उनके लिए सपना सच होने जैसा था। उनके परिवार,गांव और हर उस व्यक्ति के लिए गर्व का क्षण था, जो उन्हें जानता था।
*प्रेरणा का संदेश*
रविशंकर वर्मा की यह कहानी बताती है कि सफलता के लिए सिर्फ मेहनत और समर्पण चाहिए। परिस्थितियां कितनी भी कठिन क्यों न हों, यदि लक्ष्य स्पष्ट हो और मन में दृढ़ निश्चय हो, तो कोई भी मंजिल दूर नहीं।
उनकी यात्रा यह भी सिखाती है कि बड़े सपने देखने और उन्हें पूरा करने के लिए संसाधनों की कमी कोई बाधा नहीं होती। रविशंकर वर्मा आज उन लाखों युवाओं के लिए एक प्रेरणा हैं, जो अपनी मेहनत और आत्मविश्वास से इतिहास लिखने का साहस रखते हैं। “सपने पूरे करने के लिए न हालात बदलने की जरूरत है, न जगह बदलने की। जरूरत है तो सिर्फ खुद पर विश्वास और अपनी मेहनत पर भरोसे की।”
चक्रधारी/104/फोटो