*उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा की अध्यक्षता में साइंस सिटी के क्रियान्वयन के सम्बंध में बैठक आयोजित*
*साइंस सिटी को समयबद्ध रूप से पूरा कर नवीनतम तकनीकों का समावेश करें-उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा*
*देश का छठवां साइंस सिटी की स्थापना नवा रायपुर में होगी*
*नवा रायपुर में 30 एकड़ भूमि में बनेगा साईंस सिटी*
रायपुर, 23 फरवरी 2025: नया रायपुर में प्रस्तावित साइंस सिटी को लेकर आज उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई। देश का छठवां साइंस सिटी की स्थापना नवा रायपुर में किया जाएगा। बैठक में अपर मुख्य सचिव, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग श्री रेणु जी पिल्लई, डायरेक्टर जनरल सीआरएससी डॉ. एस कर्मकार के सहित विभिन्न विभाग और विशेषज्ञों ने भाग लिया। बैठक का मुख्य उद्देश्य साइंस सिटी की अवधारणा, उसके उद्देश्यों, समाज पर प्रभाव, आर्थिक संभावनाओं और परियोजना के क्रियान्वयन की विस्तृत योजना पर चर्चा की। इस दौरान विज्ञान नगरी के स्वरूप और इसकी उपयोगिता पर विस्तार से चर्चा की गई। उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने कहा कि साइंस सिटी नवा रायपुर के सेक्टर 13 में 30 एकड़ भूमि में एक अत्याधुनिक विज्ञान केंद्र के रूप में विकसित की जाएगी, जिसमें शिक्षा और मनोरंजन का अनूठा संगम होगा। विज्ञान नगरी को “एडुटेनमेंट” (शिक्षा + मनोरंजन) की अवधारणा पर आधारित रखा जाएगा, जिससे छात्रों, युवाओं और आम नागरिकों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के प्रति रुचि विकसित करने का अवसर मिलेगा। यह केंद्र वर्चुअल रियलिटी (VR), इमर्सिव डिस्प्ले, डिजिटल इंटरैक्टिव तकनीकों का उपयोग करेगा, जिससे आगंतुकों को विज्ञान की गहरी समझ विकसित करने में सहायता मिलेगी। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि साइंस सिटी को छात्रों, शोधकर्ताओं, पर्यटकों और आम जनता के लिए आकर्षक और ज्ञानवर्धक बनाये।
साइंस सिटी में विज्ञान पार्क, थ्रीडी थिएटर, अंतरिक्ष एवं खगोल विज्ञान केंद्र, जलवायु परिवर्तन गैलरी, रोबोटिक्स एवं ऑटोमेशन लैब, स्मार्ट क्लासरूम, अनुसंधान प्रयोगशालाएं और इंटरएक्टिव डिस्प्ले हॉल जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं शामिल होंगी। ये सभी सुविधाएं आगंतुकों को विज्ञान से जोड़ने और उन्हें नवीनतम वैज्ञानिक खोजों से अवगत कराने में सहायक होंगी। बैठक में साइंस सिटी के उद्देश्यों पर भी चर्चा की गई। विज्ञान और प्रौद्योगिकी के प्रति जनसामान्य में जागरूकता बढ़ाने के साथ-साथ यह केंद्र छात्रों को प्रायोगिक शिक्षा प्रदान करने में भी सहायक होगा। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि साइंस सिटी का उद्देश्य केवल ज्ञान देना ही नहीं, बल्कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण को विकसित करना और अनुसंधान को प्रोत्साहित करना का भी हो। इसके तहत स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थियों को विज्ञान के बुनियादी सिद्धांतों को अनुभवात्मक रूप में सिखाने का मौका मिले।
अधिकारियों ने बताया कि यह केंद्र नवाचार और अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए एक मंच प्रदान करेगा, जहां युवा वैज्ञानिक और शोधकर्ता अपने विचारों को विकसित कर सकेंगे। साइंस सिटी केवल एक शैक्षिक केंद्र ही नहीं होगी, बल्कि यह छत्तीसगढ़ के आर्थिक और सामाजिक विकास में भी योगदान देगी। यह साइंस सिटी विज्ञान पर्यटन को प्रोत्साहित करेगी, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को भी लाभ मिलेगा। विज्ञान नगरी में पर्यावरण संरक्षण, जलवायु परिवर्तन और सतत विकास से जुड़े विषयों पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाएगा, जिससे प्रदेश के नागरिकों में जागरूकता बढ़ाई जा सके।
बैठक में साइंस सिटी के क्रियान्वयन की रूपरेखा पर भी विचार किया गया। निर्माण कार्य, आवश्यक बुनियादी ढांचे, वित्तीय संसाधनों और प्रशासनिक व्यवस्था पर विस्तार से चर्चा हुई।
बैठक के दौरान उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि साइंस सिटी को समयबद्ध रूप से पूरा किया जाए और इसमें नवीनतम तकनीकों का समावेश किया जाए। उन्होंने कहा कि यह परियोजना प्रदेश के युवाओं और छात्रों को विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में नए अवसर प्रदान करेगी। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि यह परियोजना केवल छत्तीसगढ़ के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए विज्ञान शिक्षा और नवाचार को नई दिशा प्रदान करेगी।
उपमुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि साइंस सिटी के निर्माण तकनीकी नवाचारों का विशेष ध्यान रखा जाए, ताकि यह परियोजना भविष्य की आवश्यकताओं को पूरा कर सके। उन्होंने यह भी कहा कि साइंस सिटी के विभिन्न सेक्शन जैसे कि अंतरिक्ष एवं खगोल विज्ञान केंद्र, स्मार्ट सिटी एवं ग्रीन टेक्नोलॉजी सेक्शन, जलवायु परिवर्तन केंद्र, रोबोटिक्स एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस लैब, एयरोस्पेस रिसर्च सेक्शन और वर्चुअल एक्सपेरिमेंट लैब को इस प्रकार डिजाइन किया जाए कि वे छात्रों और वैज्ञानिकों को प्रेरित कर सकें।
बैठक में उपस्थित अधिकारियों और विशेषज्ञों ने साईंस सिटी को छत्तीसगढ़ के विज्ञान एवं नवाचार तंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाने पर सहमति व्यक्त की। सभी ने यह निर्णय लिया कि परियोजना को जल्द से जल्द मूर्त रूप दिया जाएगा, ताकि प्रदेश के नागरिकों को आधुनिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी का लाभ मिल सके। साईंस सिटी में प्रदर्शनी हॉल, कार्यशालाएं और अनुसंधान केंद्रों को इस प्रकार विकसित किया जाएगा कि वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के विज्ञान कार्यक्रमों की मेजबानी कर सकें। यह साईंस सिटी राज्य सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जो छत्तीसगढ़ को विज्ञान, नवाचार और अनुसंधान के क्षेत्र में एक नई ऊंचाई तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।