भाजपा सरकार ने आम आदमी पार्टी (आप) के पिछले दस वर्षों के शासन के दौरान राजधानी में कराए गए 20 करोड़ से अधिक राशि वाले उन सभी निर्माण कार्यों की जांच कराने का फैसला लिया है जिनका काम देरी से पूरा हुआ और इस वजह से निर्माण की लागत बढ़ गई।इसमें देखा जाएगा कि परियोजनाओं में देरी के लिए जिम्मेदार कौन है और उसके विरुद्ध कोई कार्रवाई की गई थी या नहीं। निर्माण कार्यों में घपला करने वालों को भी कार्रवाई के दायरे में लाया जाएगा। जांच के दायरे में लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) की ओर से कराए गए विकास कार्य सर्वाधिक होंगे। लोक निर्माण विभाग के पास राजधानी की सड़कों को बनाने से लेकर उनके रखरखाव, सरकारी इमारतों के निर्माण और उनके रखरखाव से लेकर नालों की सफाई की भी जिम्मेदारी है।