नवरात्र के पहले दिन मां दुर्गा के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा होती है। पर्वतराज हिमालय की पुत्री रूप में उत्पन्न होने के कारण इनका नाम शैलपुत्री रखा गया। पूर्व जन्म में ये प्रजापति दक्ष की कन्या थी, तब इनका नाम सती था। इनका विवाह शंकर जी से हुआ। प्रजापति दक्ष के यज्ञ में सती ने अपने शरीर को भस्म कर, अगले जन्म में शैलराज हिमालय के घर जन्म लिया। पार्वती और हैमवती भी उन्हीं के नाम हैं। नवदुर्गाओं में प्रथम शैलपुत्री का महत्व और शक्तियां अनंत हैं। नवरात्र पूजन में प्रथम दिन इन्हीं की पूजा होती है।