डेस्क… एक दिन में 33 नक्सलियों का सरेंडर, बड़ेसट्टी हुआ नक्सलमुक्त बस्तर में नक्सलवाद की कमर टूट रही, अब विकास की ओर कदम

सुकमा जिले से नक्सलवाद के खात्मे की दिशा में एक बड़ी सफलता सामने आई है। जिले में एक ही दिन में कुल 33 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया। यह घटनाक्रम केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के उस ऐलान के बाद देखने को मिल रहा है, जिसमें उन्होंने मार्च 2026 तक पूरे देश से नक्सलवाद को समाप्त करने की बात कही थी।

बड़ेसट्टी पंचायत घोषित हुआ नक्सलमुक्त, मिलेगा 1 करोड़ रुपए
सुकमा का बड़ेसट्टी गांव अब नक्सलमुक्त घोषित कर दिया गया है। इसके बाद सरकार की ओर से पंचायत को 1 करोड़ रुपए की राशि विकास कार्यों के लिए दी जाएगी। यह राशि स्कूल, अस्पताल, सड़क निर्माण और पेयजल व्यवस्था जैसे बुनियादी सुविधाओं पर खर्च की जाएगी।

नक्सली संगठन हो रहे कमजोर
लगातार हो रही मुठभेड़ों, आत्मसमर्पण और सरकारी रणनीतियों के चलते नक्सली संगठनों की ताकत दिन-ब-दिन कमजोर हो रही है। बड़ेसट्टी जैसे गांवों का नक्सलमुक्त होना बस्तर के अन्य नक्सल प्रभावित इलाकों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया है।

सरेंडर पॉलिसी में बदलाव
नई आत्मसमर्पण नीति के तहत अब बिना हथियार के सरेंडर करने वाले नक्सलियों को भी ₹50,000 की सहायता दी जाएगी। पहले यह राशि ₹25,000 थी। इस नीति का उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा नक्सलियों को आत्मसमर्पण के लिए प्रोत्साहित करना है।

बस्तर में शांति और विकास की नई शुरुआत
सरकार और सुरक्षा बलों की लगातार कोशिशों से बस्तर में अब शांति लौटती नजर आ रही है। अब तक उपेक्षित रहे इलाकों में विकास की बयार बहने की उम्मीद और तेज हो गई है।

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