रायपुर। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने महादेव सट्टा ऐप मामले में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए 16 अप्रैल 2025 को देश के सात राज्यों में एक साथ छापेमारी की। यह कार्रवाई दिल्ली, मुंबई, इंदौर, अहमदाबाद, चंडीगढ़, चेन्नई और संबलपुर (ओडिशा) में की गई। छापेमारी के दौरान 573 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त की गई, जिसमें 3.29 करोड़ रुपये नकद, प्रतिभूतियां, बॉन्ड और डीमैट खाते शामिल हैं।
ईडी को जांच में पता चला है कि यह पूरा नेटवर्क महादेव ऑनलाइन बुक बेटिंग ऐप के जरिए सट्टेबाजी का एक संगठित सिंडिकेट चला रहा था। यह नेटवर्क सट्टेबाजी वेबसाइटों के माध्यम से नए उपयोगकर्ताओं को जोड़ने, फर्जी आईडी बनाने और ऑनलाइन बेटिंग प्लेटफॉर्म की व्यवस्था करने में संलिप्त था।
अब तक 170 से अधिक परिसरों पर छापेमारी की जा चुकी है और 3002.47 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्तियों को अटैच किया गया है। 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 74 संस्थाओं को अभियोजन शिकायतों में आरोपी बनाया गया है।
शेयर बाजार में काले धन से हेराफेरी
ईडी की तलाशी के दौरान मिले दस्तावेजों से खुलासा हुआ है कि कई कंपनियों के प्रमोटरों ने एजेंटों और स्टॉक ब्रोकरों की मदद से अपनी कंपनियों का मूल्यांकन बढ़ाने के लिए ब्लैकमनी का उपयोग किया। इस प्रक्रिया में शेयर मूल्यों में हेराफेरी, शेयर वारंट जारी करना और प्रमोटर-नियंत्रित शेयरों की बिक्री जैसी गतिविधियों को अंजाम दिया गया।
ईडी को यह भी जानकारी मिली है कि सट्टेबाजी से प्राप्त धन को विदेश भेजा जा रहा था, जिसे मॉरीशस, दुबई और अन्य देशों के माध्यम से एफपीआई (Foreign Portfolio Investment) के जरिए भारतीय शेयर बाजार में निवेश किया गया। कुछ निवेश SME कंपनियों में किए गए, जिससे शेयर मूल्यों में कृत्रिम उतार-चढ़ाव पैदा किया गया।
ईडी ने कुछ संदिग्ध निवेशों की पहचान कर उन्हें फ्रीज कर दिया है। साथ ही शेयर बाजार में हो रही हेराफेरी और मनी लॉन्ड्रिंग के पूरे नेटवर्क की जांच अभी भी जारी है।