नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए बुधवार को कई अहम और कड़े फैसले लिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक के बाद विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने देर शाम मीडिया को जानकारी दी।
मिस्री ने बताया कि भारत ने पाकिस्तान के साथ राजनयिक संबंधों में कटौती, 1960 की सिंधु जल संधि को स्थगित करने, और अटारी सीमा चौकी को बंद करने जैसे पांच निर्णायक कदम उठाए हैं।
राजनयिक संबंधों में कटौती
एक मई 2025 तक भारत और पाकिस्तान के उच्चायोगों में तैनात कर्मचारियों की संख्या को 55 से घटाकर 30 किया जाएगा। इसके तहत कई अधिकारियों को वापस बुलाया जाएगा।
दक्षेस वीजा छूट योजना समाप्त
भारत ने दक्षेस वीजा छूट योजना (SVES) के तहत पाकिस्तानी नागरिकों को दी जा रही वीजा रियायतें तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी हैं। साथ ही, SVES वीजा पर भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का निर्देश दिया गया है।
रक्षा सलाहकारों को किया गया निष्कासित
भारत ने पाकिस्तान उच्चायोग में तैनात रक्षा, सैन्य, नौसेना और वायुसेना सलाहकारों को ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ घोषित करते हुए उन्हें एक सप्ताह के भीतर भारत छोड़ने का आदेश दिया है। जवाबी कार्रवाई में भारत भी इस्लामाबाद स्थित अपने उच्चायोग से इन्हीं समकक्ष सलाहकारों को वापस बुलाएगा। इसके अलावा, दोनों उच्चायोगों में कार्यरत पांच सहायक कर्मचारियों को भी वापस बुलाया जाएगा।
सिंधु जल संधि स्थगित
एक बड़ा कदम उठाते हुए भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया है। यह संधि भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों के जल बंटवारे को लेकर की गई थी।