भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के पूर्व अध्यक्ष और प्रतिष्ठित अंतरिक्ष वैज्ञानिक के. कस्तूरीरंगन का आज सुबह करीब 10 बजे बेंगलुरु में निधन हो गया। वह 84 वर्ष के थे और पिछले कुछ महीनों से उम्र संबंधी बीमारियों से ग्रस्त थे।
परिवार के सूत्रों ने बताया कि वे अपने दो बेटों के साथ बेंगलुरु में ही रह रहे थे। “उन्होंने सुबह शांतिपूर्ण ढंग से अंतिम सांस ली,” परिवार के एक सदस्य ने बताया। उनके पार्थिव शरीर को रविवार, 27 अप्रैल को अंतिम संस्कार से पूर्व स्थानीय रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा।
शासन-प्रशासन में भी निभाई अहम भूमिका
के. कस्तूरीरंगन न केवल ISRO के अध्यक्ष रहे, बल्कि 2003 से 2009 तक राज्यसभा सदस्य के रूप में भी सेवा दी। इसी दौरान वे भारतीय योजना आयोग के सदस्य के रूप में भी कार्यरत रहे। अप्रैल 2004 से 2009 तक उन्होंने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडीज (NIAS), बेंगलुरु के निदेशक के तौर पर शैक्षणिक एवं शोधगत गतिविधियों का मार्गदर्शन किया।
भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के संवर्धन में विशेष योगदान
1970 से 1990 के दशक तक ISRO के विभिन्न अभियानों—जैसे आर्यभट्ट उपग्रह, रोहिणी श्रेणी के प्रक्षेपण एवं भारतीय भू-संवेदी उपग्रह कार्यक्रम—में उनके वैज्ञानिक निर्देशन और नीतिगत फैसलों का अहम योगदान रहा। देश-विदेश में उन्हें अंतरिक्ष विज्ञान एवं तकनीक के क्षेत्र में उनके अत्याधुनिक शोध एवं नेतृत्व के लिए जाना जाता था।