नई दिल्ली: पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में बढ़ते तनाव के बीच भारत ने अपनी सामरिक क्षमताएं मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। भारत और फ्रांस के बीच सोमवार को 63,887 करोड़ रुपये का एक मेगा रक्षा समझौता होने जा रहा है, जिसके तहत भारतीय नौसेना को 26 अत्याधुनिक राफेल-मरीन लड़ाकू विमान मिलेंगे।
INS विक्रांत पर तैनात होंगे राफेल-एम
इस समझौते के अंतर्गत भारत फ्रांस से सीधे तौर पर 22 सिंगल-सीट राफेल-एम और 4 ट्विन-सीट ट्रेनर जेट्स का अधिग्रहण करेगा। इन विमानों को स्वदेशी विमानवाहक पोत INS विक्रांत पर तैनात किया जाएगा, जिससे नौसेना की समुद्री शक्ति में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
फ्रांसीसी रक्षा मंत्री की यात्रा रद्द, अधिकारी करेंगे हस्ताक्षर
फ्रांस के रक्षा मंत्री सेबास्टियन लेकोर्नु की भारत यात्रा रद्द होने के कारण यह समझौता नई दिल्ली में दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में होगा। दोनों देशों के रक्षा मंत्री वर्चुअल माध्यम से इस ऐतिहासिक मौके पर शामिल होंगे।
संपूर्ण पैकेज में ट्रेनिंग, MRO और लॉजिस्टिक सपोर्ट शामिल
इस डील में केवल विमान ही नहीं, बल्कि अत्याधुनिक हथियार प्रणाली, सिम्युलेटर, क्रू ट्रेनिंग, रख-रखाव एवं संचालन (MRO), और पांच साल का लॉजिस्टिक सपोर्ट भी शामिल है। इसके अलावा पहले से भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल 36 राफेल विमानों के लिए कुछ स्पेयर पार्ट्स और उपकरण भी सौदे में शामिल किए गए हैं।
सामरिक ताकत को मिलेगा बढ़ावा
यह सौदा न केवल भारतीय नौसेना की सामरिक क्षमताओं को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की रक्षा नीति को भी सशक्त बनाएगा। समुद्री सीमाओं की सुरक्षा के लिहाज से यह कदम बेहद अहम माना जा रहा है।