कोरबा (हरदी बाजार)। ग्राम्य भारती विद्यापीठ हरदी बाजार के शासकीय जी.बी. महाविद्यालय के 1998-99 बैच के भूतपूर्व छात्रों और प्राध्यापकों का बहुप्रतीक्षित स्नेह सम्मेलन बिलासपुर के होटल बंशीवाल में हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ। इस आयोजन में कोरबा, दीपका, रायगढ़, बिलासपुर, रायपुर और जांजगीर सहित विभिन्न स्थानों से भूतपूर्व छात्र अपने परिवार सहित पहुंचे। खास बात यह रही कि इस आयोजन में शामिल होने के लिए भाई-बहन की जोड़ी, संजीव शर्मा (सिंगापुर) और मंजू शर्मा (लंदन) से भारत पहुंचे।
कार्यक्रम की शुरुआत में पूर्व छात्रों ने अपने गुरुओं का पुष्पगुच्छ भेंट कर आत्मीय स्वागत किया। सुबह के नाश्ते से लेकर शाम के चाय-नाश्ते तक पुराने मित्रों ने बचपन की मीठी यादों को ताजा किया और वर्तमान जीवन के अनुभव साझा किए।
इस अवसर पर सेवानिवृत्त प्राचार्य डॉ. टी. डी. वैष्णव, डॉ. आई.के. कौशिक (पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष), डॉ. के.के. दुबे (भौतिक विज्ञान विभागाध्यक्ष), डॉ. अखिलेश पांडेय (अंग्रेजी विभागाध्यक्ष), महेश वर्मा (गणित विभागाध्यक्ष) तथा ग्रंथपाल अशोक मिश्रा सपरिवार शामिल हुए। सभी शिक्षकों ने छात्रों के स्नेहपूर्ण आमंत्रण और सम्मान पर खुशी जताई।
प्राचार्य डॉ. वैष्णव ने कहा कि जहाँ आज के दौर में छात्र अपने शिक्षकों को भूल जाते हैं, वहीं हरदीबाजार के छात्रों ने गुरु-शिष्य परंपरा को जीवित रखा है। डॉ. कौशिक ने पूर्व छात्रों का आभार व्यक्त किया और भविष्य में और बड़े आयोजन की उम्मीद जताई। डॉ. अखिलेश पांडेय ने छात्रों की सफलता को शिक्षकों की असली पूँजी बताया और अंग्रेजी कवि की पंक्तियाँ उद्धृत कर प्रेरणा दी। गणित प्राध्यापक महेश वर्मा ने ‘जो प्राप्त है, वही पर्याप्त है’ का संदेश दिया, जबकि ग्रंथपाल अशोक मिश्रा ने गुरु-शिष्य संबंधों में सम्मान को आज के समय की बड़ी उपलब्धि बताया।
कार्यक्रम में मनोज मिस्त्री की मिमिक्री और आनंद बनर्जी के गीतों ने समां बांध दिया। आयोजन को सफल बनाने में सर्वेश श्रीवास्तव, प्रदीप जायसवाल, मधुकर, जागेश्वर सिहानी, सुभाष साहू, कमलेश साव और गुड्डी श्रीवास्तव ने सक्रिय भूमिका निभाई। कार्यक्रम का सफल संचालन शेखर राठौर ने किया।
अंत में आयोजन समिति के सदस्य प्रदीप जायसवाल ने उपस्थित गुरुजनों और पूर्व छात्रों का धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने बताया कि 18 अगस्त 2022 को नैक टीम के दौरे के समय एल्युमनी की सक्रिय भूमिका ने महाविद्यालय के ग्रेड निर्धारण में महत्वपूर्ण योगदान दिया था।