नई दिल्ली, 29 अप्रैल 2025 —
आज क्रिकेट प्रेमियों की जुबान पर सिर्फ एक ही नाम है — वैभव सूर्यवंशी। महज 14 साल की उम्र में इस प्रतिभाशाली बल्लेबाज ने आईपीएल 2025 में गुजरात टाइटन्स के खिलाफ ऐसा इतिहास रच दिया जिसे लंबे समय तक याद रखा जाएगा। वैभव ने मात्र 35 गेंदों में शतक ठोककर आईपीएल के सबसे कम उम्र के भारतीय शतकवीर बनने का गौरव हासिल किया है। इसके साथ ही वह अब क्रिस गेल के बाद टूर्नामेंट के सबसे तेज शतक लगाने वाले दूसरे खिलाड़ी बन गए हैं।
पिता के अधूरे सपने को किया पूरा
वैभव का क्रिकेट के सफर की शुरुआत उनके पिता संजीव सूर्यवंशी के सपनों से हुई। बिहार के समस्तीपुर के रहने वाले संजीव खुद क्रिकेटर बनना चाहते थे, लेकिन हालात ने उनके सपनों को तोड़ दिया। इसके बाद उन्होंने ठान लिया कि वह अपने बेटे के रास्ते में कोई बाधा नहीं आने देंगे। संजीव ने वैभव को पटना के नेट्स पर कड़ी मेहनत करवाई, जहां 10 साल की उम्र में वैभव रोजाना 600 गेंदें खेलते थे। 16-17 साल के नेट बॉलर्स से मुकाबला करने के लिए वह मैदान पर 10 टिफिन ले जाकर खुद को तैयार करते थे।
संघर्ष से लिखी सफलता की कहानी
वैभव को क्रिकेटर बनाने के लिए उनके परिवार ने भी बड़ी कुर्बानियां दीं। बेटे के सपने को साकार करने के लिए सूर्यवंशी परिवार ने अपनी जमीन तक बेच दी। आज जब वैभव ने आईपीएल के बड़े मंच पर धमाका किया है, तो यह केवल उनकी कड़ी मेहनत ही नहीं, बल्कि उनके पूरे परिवार के संघर्ष का प्रतिफल है।
वैभव सूर्यवंशी का जन्म 2011 में हुआ था, जब आईपीएल का रोमांच अपने शुरुआती चरण में था। आज, मात्र 14 साल की उम्र में, उन्होंने दुनिया को दिखा दिया है कि जुनून, तपस्या और परिवार के समर्थन से कोई भी सपना सच हो सकता है।
आगे की राह
अब जब वैभव ने अपनी प्रतिभा का पहला बड़ा प्रदर्शन कर दिया है, पूरा क्रिकेट जगत उनकी आगे की पारी का इंतजार कर रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इसी प्रकार प्रदर्शन जारी रहा, तो आने वाले समय में वैभव भारतीय क्रिकेट का नया सितारा बन सकते हैं।