रायपुर, 29 अप्रैल 2025 – छत्तीसगढ़ में स्कूली शिक्षा व्यवस्था को संतुलित और प्रभावी बनाने के लिए राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। स्कूल शिक्षा विभाग ने कम छात्र संख्या और शिक्षकों की असंतुलित तैनाती वाले स्कूलों को मर्ज करने (युक्तियुक्तकरण) का आदेश जारी किया है। यह प्रक्रिया 7 मई से स्कूलों और 15 मई से शिक्षकों के स्तर पर शुरू की जाएगी।
शिक्षा विभाग के अनुसार, राज्य में इस समय 5,484 स्कूल ऐसे हैं जहां केवल एक या दो शिक्षक कार्यरत हैं, जबकि 7305 शिक्षक शहरी क्षेत्रों में जरूरत से अधिक पदस्थ हैं। इसके विपरीत 297 स्कूल ऐसे भी हैं जहां एक भी शिक्षक नहीं है। इन स्कूलों में फिलहाल आसपास के स्कूलों से शिक्षकों की अस्थायी नियुक्ति की गई है।
असंतुलन को दूर करने की पहल
विभाग ने बताया कि शिक्षकों की अधिकता और कमी की इस विषम स्थिति को संतुलित करने के लिए यह युक्तियुक्तकरण जरूरी हो गया था। करीब 4000 से अधिक स्कूलों का मर्ज किया जा सकता है। जिन स्कूलों में राष्ट्रीय मानकों से कम विद्यार्थी होंगे, उन्हें पास के स्कूलों में समाहित किया जाएगा। इससे न केवल संसाधनों का बेहतर उपयोग होगा, बल्कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने में भी मदद मिलेगी।
शिक्षकों में असमंजस और आशंका
हालांकि इस आदेश के बाद कई शहरी शिक्षकों में चिंता का माहौल है। उन्हें आशंका है कि उनकी पोस्टिंग अब दूर-दराज के ग्रामीण क्षेत्रों में की जा सकती है। अभी यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि पोस्टिंग का आधार क्या होगा, जिससे अनिश्चितता बनी हुई है।
कलेक्टरों और DEO को निर्देश
स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव ने सभी जिला कलेक्टरों और जिला शिक्षा अधिकारियों (DEO) को युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। आदेश के साथ स्पष्ट शेड्यूल भी जारी किया गया है ताकि तय समय-सीमा में कार्य पूरा किया जा सके।
नए सत्र से नई व्यवस्था
यदि यह प्रक्रिया समय पर पूरी होती है, तो आगामी शैक्षणिक सत्र से छात्रों और शिक्षकों दोनों के लिए बेहतर और संतुलित व्यवस्था उपलब्ध हो सकेगी।