पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान में बढ़ा तनाव, गोला-बारूद की किल्लत से जूझ रहा पाकिस्तान

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव फिर से चरम पर है। आतंकी घटनाओं में बढ़ोतरी के बीच जहां पाकिस्तान मिसाइल परीक्षण और सैन्य शक्ति का प्रदर्शन कर रहा है, वहीं खुफिया रिपोर्ट्स इसकी असली स्थिति की पोल खोल रही हैं।

पाकिस्तान के पास सिर्फ चार दिन का गोला-बारूद

भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसे हालात बनने पर पाकिस्तान मुश्किल में पड़ सकता है। खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के पास इतना भी गोला-बारूद नहीं बचा है कि वह किसी पूर्ण युद्ध में चार दिन भी टिक सके। अप्रैल 2025 में एक्स (पूर्व ट्विटर) पर सामने आई रिपोर्टों के अनुसार, पाकिस्तान की सैन्य तैयारियां बेहद कमजोर हो चुकी हैं।

यूक्रेन को हथियार बेचकर खुद को कमजोर किया

पाकिस्तान ने हाल के महीनों में भारी मात्रा में हथियार यूक्रेन को निर्यात किए हैं। फरवरी से मार्च 2023 के बीच उसने लगभग 42,000 बीएम-21 रॉकेट, 60,000 155 मिमी हॉवित्जर शेल्स और 1.3 लाख 122 मिमी रॉकेट यूक्रेन को भेजे, जिससे उसे करीब 36.4 करोड़ डॉलर की आमदनी हुई। रिपोर्ट के मुताबिक, इन सौदों से हुई कमाई में से 80 प्रतिशत राशि सीधे रावलपिंडी स्थित पाकिस्तानी सेना मुख्यालय को मिली। इससे पाकिस्तान की हथियार निर्यात आय 1.3 करोड़ डॉलर से बढ़कर 41.5 करोड़ डॉलर हो गई, लेकिन इसके बदले में पाकिस्तान ने अपनी ही सैन्य तैयारियों को कमजोर कर दिया।

आतंकी हमले से पहले थी खुफिया चेतावनी

पहलगाम हमले से पहले ही खुफिया एजेंसियों ने पर्यटकों को निशाना बनाए जाने की आशंका जताई थी। श्रीनगर के बाहरी इलाके, खासकर जबरवान रेंज में मौजूद होटलों में ठहरे पर्यटकों को आतंकी निशाना बना सकते हैं, ऐसी जानकारी मिली थी। इसके चलते श्रीनगर में दाचीगाम, निशात और आसपास के इलाकों में तलाशी अभियान तेज कर दिए गए। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को विशेष निगरानी के लिए तैनात किया गया।

नाटो के हथियार मिल रहे हैं आतंकियों के पास

जम्मू-कश्मीर के मुठभेड़ों के दौरान आतंकियों के पास से अत्याधुनिक हथियार बरामद किए जा रहे हैं। इनमें एम-सीरीज राइफलें, स्नाइपर राइफल्स और बुलेटप्रूफ जैकेट को भेदने वाली गोलियां शामिल हैं, जो आमतौर पर नाटो सैनिक इस्तेमाल करते हैं। इससे इस आशंका को बल मिलता है कि पाकिस्तान न केवल हथियारों का निर्यात कर रहा है बल्कि आतंकियों तक उन्नत हथियारों की पहुंच भी बना रहा है।

नतीजा: न गोला-बारूद, न संयम, न कूटनीति

एक ओर पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मंचों पर खुद को सैन्य शक्ति के रूप में प्रस्तुत करने की कोशिश कर रहा है, वहीं दूसरी ओर उसकी रक्षा तैयारियों की हकीकत खौफनाक है। न तो उसके पास पर्याप्त गोला-बारूद बचा है, न ही संयम और न ही कोई विश्वसनीय कूटनीतिक रणनीति।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *