रायपुर, 10 मई 2025 — छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने राज्य के संविदा और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के पक्ष में एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए उन्हें बड़ी राहत दी है। बिलासपुर हाईकोर्ट की एकल पीठ ने राज्य शासन को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वह 60 दिनों के भीतर इन कर्मचारियों को नियमित करें।
यह फैसला योजना एवं सांख्यिकी विभाग, कांकेर और रायपुर में कार्यरत चार कर्मचारियों—बृहस्पति त्रिपाठी, राजकुमार चोपड़ा, सन्त कुमार और मणिकपुरी—द्वारा दायर याचिका के बाद आया है। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि वे पिछले 10 वर्षों से नियमित पदों पर कार्य कर रहे हैं, उनके पास सभी आवश्यक शैक्षणिक योग्यताएं और अनुभव मौजूद हैं, फिर भी उन्हें नियमित नहीं किया गया।
इस मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस बी.डी. गुरु की एकल पीठ ने टिप्पणी की कि जब कर्मचारी विभाग की कार्यशैली से पूरी तरह परिचित हैं और उन्होंने वर्षों तक अपनी सेवाएं दी हैं, तो उन्हें नियमित करने में कोई बाधा नहीं होनी चाहिए। कोर्ट ने यह भी कहा कि सरकार का यह कर्तव्य बनता है कि वह ऐसे कर्मचारियों को स्थायीत्व प्रदान करे।
इस आदेश से हजारों अस्थायी कर्मचारियों को उम्मीद की नई किरण मिली है, जो वर्षों से नियमितीकरण की राह देख रहे थे। अब सभी की निगाहें राज्य शासन पर टिकी हैं कि वह हाईकोर्ट के निर्देशों का पालन कितनी तत्परता से करता है।