ग्रामीण बच्चों के लिए उम्मीद की किरण बना “कान्हा जंगल मित्र पुस्तकालय”, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में मिल रही मदद

देश में शिक्षा को लेकर कई योजनाएं बनाई जाती हैं, लेकिन जब प्रयास नीति के साथ नीयत के तहत किए जाते हैं, तो नतीजे भी प्रेरणादायी होते हैं। ऐसा ही एक नवाचार किया गया है कान्हा टाइगर रिजर्व में, जहां ग्रामीण और वनवासी बच्चों के लिए विशेष रूप से “कान्हा जंगल मित्र पुस्तकालय” की स्थापना की गई है। यह लाइब्रेरी न सिर्फ बच्चों को किताबें उपलब्ध करा रही है, बल्कि उनके भविष्य को संवारने की दिशा में एक मजबूत कदम बन चुकी है।

शिक्षा के क्षेत्र में एक प्रेरक पहल

कान्हा टाइगर रिजर्व प्रबंधन द्वारा स्थापित यह पुस्तकालय प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे ग्रामीण बच्चों के लिए वरदान साबित हो रही है। 400 से अधिक ज्ञानवर्धक पुस्तकें, जिसमें नवोदय प्रवेश परीक्षा, पीएससी, और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए किताबें शामिल हैं, बच्चों के लिए निःशुल्क उपलब्ध कराई गई हैं।

12वीं पास युवा खास रुचि लेकर इन पुस्तकालयों में पढ़ाई कर रहे हैं। अब ये बच्चे भी शहरी बच्चों की तरह प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रतिस्पर्धा कर पा रहे हैं।

पुस्तकालय की सुविधाएं और नेटवर्किंग

पुस्तकालय में टेबल-कुर्सी, पंखे, पीने का पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। साथ ही, उन छात्रों के लिए पुस्तकें घर ले जाने की सुविधा भी दी गई है जो वहां आकर नहीं पढ़ सकते। इतना ही नहीं, व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए छात्रों को करियर और रोजगार से जुड़ी जानकारियां नियमित रूप से भेजी जाती हैं, जिसमें अनुभवी अधिकारियों द्वारा मार्गदर्शन भी दिया जा रहा है।

5 पुस्तकालयों की शुरुआत, बच्चों को मिला नया मंच

सरही रेंज ऑफिसर शैलेन्द्र उईके ने बताया कि अब तक सरही, समनापुर, गढ़ी और भैंसनघाट रेंज में कुल 5 पुस्तकालयों की शुरुआत की गई है। इनका उद्देश्य है कि कोई भी बच्चा पुस्तकों के अभाव में शिक्षा से वंचित न रहे।

सरही के पुस्तकालय में हर दिन 20 से 30 छात्र पढ़ने पहुंचते हैं। इसके साथ ही फील्ड स्टाफ, श्रमिकों और कर्मचारियों के बच्चों के लिए भी यह लाइब्रेरी एक उपयोगी साधन बन चुकी है।

पुराने स्कूल भवन को मिला नया जीवन

वनग्राम भिलवानी में पुराने बंद पड़े स्कूल भवन को मरम्मत कर लाइब्रेरी में तब्दील किया गया। यह भवन अब बच्चों के शैक्षणिक और करियर विकास का केंद्र बन चुका है। सभी किताबें दान के माध्यम से प्राप्त हुई हैं, जो इस पहल को और भी अधिक सराहनीय बनाती हैं।

पर्यटकों के साथ अब छात्रों के लिए भी यादगार बना कान्हा

अब तक पर्यटकों के लिए प्रसिद्ध रहा कान्हा टाइगर रिजर्व, अब शिक्षा और सामाजिक नवाचार का उदाहरण भी बन रहा है। ग्रामीण समाज के लोग इस पहल की खुले दिल से सराहना कर रहे हैं और इसे एक नई उम्मीद और बदलाव की शुरुआत के रूप में देख रहे हैं।

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