बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और राजनीतिक गतिविधियाँ तेज़ हो गई हैं। इसी कड़ी में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी गुरुवार को बिहार दौरे पर पहुंचे। हालांकि, उनका यह दौरा विवादों में आ गया है। दरअसल, राहुल गांधी ने दरभंगा में प्रशासन की अनुमति के बिना एक छात्रावास का दौरा किया और वहां लगभग 12 मिनट तक छात्रों को संबोधित किया। इसको लेकर दरभंगा में उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
प्राथमिकी जिला कल्याण पदाधिकारी आलोक कुमार द्वारा दर्ज कराई गई है, जिसमें राहुल गांधी के अलावा कांग्रेस विधायक शकील अहमद खान, प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम, पूर्व विधान पार्षद डॉ. मदन मोहन झा सहित 20 कांग्रेस नेताओं को नामजद किया गया है। इसके अलावा दर्जनों अज्ञात लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है।
राहुल गांधी की प्रतिक्रिया
प्राथमिकी दर्ज होने पर राहुल गांधी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, “हमें जो करना था, हमने कर दिया। मैंने वहां जाति जनगणना पर बात की। हमें हॉस्टल के अंदर नहीं जाने दिया गया, शायद इसलिए क्योंकि वहां की हालत बहुत खराब थी। मेरे ऊपर पहले से ही 30-32 केस हैं, ये सभी मेरे मेडल हैं।”
दरभंगा में छात्रों को संबोधन
छात्रों को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि बिहार की एनडीए सरकार छात्रों के भविष्य को लेकर बिल्कुल भी गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा, “छात्रों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया है। यह अन्याय है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हम छात्रों के अधिकारों के लिए आवाज उठाते रहेंगे और उन्हें न्याय दिलाकर रहेंगे।”
राजनीतिक गर्मी तेज
इस घटनाक्रम के बाद बिहार की सियासत में गर्मी बढ़ गई है। जहां कांग्रेस राहुल गांधी की कार्रवाई को छात्रों की आवाज बताकर समर्थन कर रही है, वहीं प्रशासनिक नियमों के उल्लंघन को लेकर कानूनी कार्रवाई तेज़ हो गई है। आने वाले दिनों में यह मुद्दा चुनावी बहस का बड़ा हिस्सा बन सकता है।