बीजापुर जिले के उसुर विकासखंड के करेगुट्टा पहाड़ी की तलहटी में बसे एक छोटे से गांव से उठी एक माँ की करुणा और कृतज्ञता ने सुशासन की नई परिभाषा गढ़ दी। मंगलवार को ग़लगम में आयोजित सुशासन तिहार कार्यक्रम में जब 62 वर्षीय शम्मी दुर्गम को प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत पक्के घर की चाबी मिली, तो वह भावुक हो उठीं।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय से चाबी प्राप्त करते समय शम्मी दुर्गम ने स्नेह से उनके गाल को छुआ और फिर आदरपूर्वक उनके हाथ को अपने होंठों से लगाया—यह दृश्य किसी राजनैतिक मंच से अधिक, एक माँ और बेटे के आत्मीय रिश्ते जैसा प्रतीत हुआ। यह सिर्फ़ एक घर मिलने की खुशी नहीं थी, बल्कि शासन पर एक माँ के विश्वास और आशीर्वाद की झलक थी।
भावनाओं से भरा दृश्य:
कार्यक्रम में उपस्थित लोग भी इस दृश्य को देखकर भावविभोर हो गए। शम्मी दुर्गम की आंखों में आंसू थे—संतोष और कृतज्ञता के। उन्होंने कहा, “पहली बार लग रहा है कि सरकार हमारी भी सुनती है। अब बरसात में छत से पानी नहीं टपकेगा, बच्चे सुरक्षित रहेंगे।”