छत्तीसगढ़ में स्कूलों के युक्तिसंगतकरण के खिलाफ शिक्षकों का उग्र प्रदर्शन

रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा 10 हजार से ज्यादा स्कूलों के युक्तिसंगतकरण (rationalization) के फैसले के खिलाफ राज्यभर के 10 हजार से अधिक शिक्षक सड़कों पर उतर आए हैं। राजधानी रायपुर में मंत्रालय घेराव के लिए निकले शिक्षकों ने सुरक्षा व्यवस्था की पहली लेयर तोड़ दी, जिससे मौके पर तनावपूर्ण स्थिति बन गई है। पुलिस ने तीन स्तरों में सुरक्षा तैनात की है।

सरकार के इस फैसले से राज्य के 43 हजार से अधिक शिक्षकों के पद समाप्त होने की संभावना जताई जा रही है। प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों का कहना है कि यह निर्णय शिक्षा की गुणवत्ता और सरकारी स्कूलों के अस्तित्व पर सीधा हमला है।

शिक्षकों का आरोप:

प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों ने आरोप लगाया कि:

दो शिक्षकों से 18 कक्षाएं संभालना संभव नहीं है।

इससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होगी और सरकारी स्कूलों की छवि और खराब होगी।

यह फैसला शिक्षकों को बेरोजगारी की कगार पर ले जाने वाला है।

टूटा धरना स्थल से नारेबाजी करते हुए निकले शिक्षक:

टूटा धरना स्थल से नारेबाजी करते हुए निकले शिक्षकों ने सरकार पर वादा खिलाफी और शिक्षा विरोधी नीति अपनाने का आरोप लगाया। शिक्षक संगठनों ने कहा कि जब तक सरकार यह निर्णय वापस नहीं लेती, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।

पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव का समर्थन:

पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने भी सरकार के फैसले की आलोचना करते हुए कहा,

> “यह नई व्यवस्था अन्यायपूर्ण है और छत्तीसगढ़ के बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है।”

सरकार का पक्ष:

सरकार ने युक्तिसंगतकरण को स्कूली शिक्षा के ढांचे को सुदृढ़ करने वाला कदम बताया है। शिक्षा विभाग का दावा है कि इससे शिक्षण व्यवस्था अधिक कुशल और संसाधन-केंद्रित हो सकेगी।

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