वित्त मंत्री सुरेश खन्ना के खिलाफ मामला: सुनवाई के बाद याचिकाकर्ता पर कोर्ट परिसर में हमला, पुलिस में शिकायत दर्ज

उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना के खिलाफ दर्ज एक मामले की सुनवाई के बाद बुधवार को कोर्ट परिसर में उस समय हंगामा मच गया जब याचिकाकर्ता और कथावाचक कौशल किशोर ठाकुर पर हमला कर दिया गया। एमपी-एमएलए विशेष अदालत से बाहर निकलते ही कथित रूप से 10–15 लोगों ने उन पर लात-घूंसे और धक्कों से हमला कर दिया। इस घटना को लेकर याचिकाकर्ता ने सदर बाजार थाना पुलिस को लिखित तहरीर दी है।

क्या है मामला?
कौशल किशोर ठाकुर ने वृंदावन के एक आश्रम पर अवैध कब्जे, भ्रष्ट अधिकारियों की संलिप्तता, और विजिलेंस जांच को प्रभावित करने के आरोप में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना के खिलाफ एमपी-एमएलए कोर्ट में याचिका दायर की है। अदालत ने बुधवार को इस मामले में सुनवाई पूरी कर आदेश सुरक्षित रख लिया है, जिसका फैसला 6 जून को सुनाया जाएगा।

कोर्ट परिसर में हुआ हमला
याचिकाकर्ता कौशल किशोर ठाकुर के अनुसार, सुनवाई के दौरान उनके पक्ष से सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ अधिवक्ता रीना सिंह दिल्ली से आकर बहस कर रही थीं। जैसे ही वे बहस के बाद अदालत से बाहर निकले, तभी दो नामजद और 10-15 अज्ञात लोगों ने उन पर हमला कर दिया। आरोप है कि हमलावरों ने उनके बाल खींचे, लात-घूंसे मारे और धक्का-मुक्की की। स्थिति बिगड़ती देख उनके सहयोगियों और कुछ अन्य लोगों ने उन्हें बचाकर अधिवक्ताओं के चेंबर तक पहुंचाया।

पहले भी मिल चुकी हैं धमकियां
कौशल किशोर ठाकुर का कहना है कि उन्हें पहले भी मंत्री पक्ष से जान से मारने की धमकियां मिल चुकी हैं। इस हमले को उसी धमकी का परिणाम बताया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह हमला न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश है।

पुलिस कार्रवाई की तैयारी
इस घटना की पुष्टि करते हुए थाना सदर बाजार के प्रभारी निरीक्षक विदेश कुमार ने कहा कि उन्हें इस संबंध में तहरीर प्राप्त हो चुकी है। मामले की जांच की जा रही है और जल्द ही एफआईआर दर्ज कर विधिक कार्रवाई की जाएगी।

राजनीतिक हलकों में हलचल
इस घटना के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल बढ़ गई है। याचिकाकर्ता पर न्यायालय परिसर में हमले को लेकर न्याय प्रक्रिया की निष्पक्षता और सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठ रहे हैं।

आगे की सुनवाई 6 जून को
फिलहाल अदालत ने इस मामले में सुनवाई पूरी कर ली है और 6 जून को आदेश सुनाने की बात कही है। तब तक इस मामले में राजनीतिक और कानूनी हलचल बनी रह सकती है।

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