नई दिल्ली।
भारत और तुर्की के बीच बढ़ते राजनयिक तनाव ने अब नागरिक विमानन क्षेत्र में भी असर दिखाना शुरू कर दिया है। भारत सरकार ने देश की सबसे बड़ी निजी एयरलाइन इंडिगो को तुर्की एयरलाइंस के साथ अपने विमान लीज समझौते को समाप्त करने का स्पष्ट निर्देश दिया है। यह फैसला हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तुर्की द्वारा पाकिस्तान का खुला समर्थन करने के बाद लिया गया है।
DGCA ने दी 3 महीने की मोहलत
नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने इंडिगो को फिलहाल केवल तीन महीने के लिए तुर्की एयरलाइंस से लिए गए दो बोइंग 777 विमानों के ‘वेट लीज समझौते’ को बढ़ाने की अनुमति दी है। साथ ही यह शर्त भी रखी गई है कि इस अवधि के बाद इंडिगो को यह समझौता स्थायी रूप से समाप्त करना होगा और भविष्य में इसके विस्तार की अनुमति नहीं दी जाएगी।
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क्या है ‘वेट लीज’ समझौता?
इंडिगो ने 2023 में तुर्की एयरलाइंस के साथ एक वेट लीज समझौता शुरू किया था। इसके तहत तुर्की एयरलाइंस ने दो बोइंग 777 विमान, साथ में पायलट और कुछ क्रू मेंबर्स इंडिगो को उपलब्ध कराए थे। इन विमानों का उपयोग दिल्ली और मुंबई से इस्तांबुल के बीच लंबी दूरी की उड़ानों के लिए किया जा रहा था।
इस प्रकार का समझौता इंडिगो को बिना बड़ा पूंजी निवेश किए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने नेटवर्क का विस्तार करने में मदद करता है, क्योंकि विमानों का रखरखाव, बीमा और पायलट तुर्की एयरलाइंस की जिम्मेदारी होती है।—
कोडशेयर साझेदारी भी प्रभावित?
गौरतलब है कि इंडिगो और तुर्की एयरलाइंस के बीच 2018 से कोडशेयर समझौता भी है, जिसके तहत इंडिगो अपने यात्रियों को यूरोप और उत्तरी अमेरिका के 40 से अधिक अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों तक कनेक्टिविटी प्रदान करता है। यह साझेदारी भारतीय यात्रियों को वैश्विक स्तर पर किफायती और सुलभ यात्रा विकल्प उपलब्ध कराती रही है।