नई दिल्ली, 6 जून 2025: देश में एक बार फिर कोविड-19 के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, भारत में कुल सक्रिय कोविड मामलों की संख्या बढ़कर 4,866 हो गई है। लगातार दूसरे दिन कोविड से सात मौतें दर्ज की गई हैं, जिनमें सबसे अधिक मौतें महाराष्ट्र (3) और दिल्ली (2) में हुई हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, इस बार ओमिक्रॉन के नए सब-वेरिएंट्स इसके पीछे जिम्मेदार माने जा रहे हैं।
दिल्ली में गुरुवार को दो कोविड संबंधित मौतों की पुष्टि हुई। मृतकों में एक पांच महीने का शिशु शामिल था, जिसे पहले से दौरे की बीमारी थी, और एक 87 वर्षीय बुजुर्ग, जो हृदय और किडनी की बीमारियों से जूझ रहे थे। दोनों की मौत कोविड संक्रमण के साथ पहले से मौजूद स्वास्थ्य समस्याओं के कारण हुई। दिल्ली में अब तक कुल सात मौतें दर्ज की जा चुकी हैं और 105 नए मामले सामने आए हैं। राजधानी में सक्रिय मामलों की संख्या अब 562 है।
महाराष्ट्र ने कोविड से तीन मौतों की पुष्टि की है, जिनमें सभी बुजुर्ग मरीज थे और पहले से गंभीर बीमारियों से ग्रस्त थे। वहीं कर्नाटक में भी दो मौतें हुईं – एक 65 वर्षीय कैंसर पीड़ित और एक 42 वर्षीय व्यक्ति, जिसे सांस की बीमारी थी। इस वर्ष देशभर में कोविड से मौतों की संख्या बढ़कर 51 हो गई है। इन आंकड़ों में महाराष्ट्र (17 मौतें), केरल (9), दिल्ली (7) और कर्नाटक (6) प्रमुख हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, फिलहाल अधिकांश कोविड संक्रमितों में हल्के लक्षण देखे जा रहे हैं और वे घर पर ही ठीक हो रहे हैं। मौतें मुख्य रूप से उन मरीजों में हो रही हैं जो पहले से गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं, जैसे कैंसर, हृदय रोग, मधुमेह और श्वसन संबंधी समस्याएं।
विशेषज्ञों ने बताया कि इस बार संक्रमण की वृद्धि के पीछे ओमिक्रॉन के चार सब-वेरिएंट्स – LF.7, XFG, JN.1 और NB.1.8.1 जिम्मेदार हैं। इनमें से NB.1.8.1 को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने ‘वेरिएंट अंडर मॉनिटरिंग’ की श्रेणी में रखा है। यह नया सब-वेरिएंट भारत में तमिलनाडु से लिए गए एक नमूने में पाया गया है। विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि टीकाकरण या पूर्व संक्रमण से मिली प्रतिरक्षा समय के साथ कमजोर हो रही है, जिससे पुनः संक्रमण की आशंका बढ़ गई है।
कोविड की मौजूदा स्थिति को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने आपदा प्रबंधन से जुड़े विभिन्न संगठनों – EMR सेल, NCDC, ICMR और IDSP के साथ मिलकर स्थिति का मूल्यांकन किया है। साथ ही, दिल्ली के केंद्रीय सरकारी अस्पतालों और सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों के साथ भी तैयारियों की समीक्षा की गई है।