पणजी, 10 जून 2025 — गोवा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (GMCH) में स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे द्वारा एक वरिष्ठ डॉक्टर को सार्वजनिक रूप से फटकारे जाने का मामला अब गंभीर विवाद का रूप ले चुका है। डॉक्टरों और चिकित्सा संगठनों ने मंत्री के व्यवहार को “अपमानजनक” करार देते हुए उसी वार्ड में सार्वजनिक माफी की मांग की है, जहां डॉक्टर की बेइज्जती हुई थी। उन्होंने मंत्री को इसके लिए 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है।
क्या है पूरा विवाद?
शनिवार को स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने GMCH के कैजुअल्टी वार्ड का औचक निरीक्षण किया था, जहां एक शिकायत के आधार पर उन्होंने वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. रुद्रेश कुट्टिकर को सार्वजनिक रूप से फटकार लगाई। आरोप था कि डॉक्टर ने एक बुजुर्ग मरीज को विटामिन B12 का इंजेक्शन देने से मना कर दिया और कथित तौर पर दुर्व्यवहार किया।
इस दौरान मंत्री राणे का गुस्से में डॉक्टर को निलंबित करने और बीच में न बोलने की धमकी देने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वीडियो में राणे कहते सुने गए:
“आप अपनी जुबान पर काबू रखना सीखें, आप एक डॉक्टर हैं…”
चिकित्सा समुदाय का विरोध
इस घटना से नाराज GMCH के 600 से अधिक डॉक्टर, सलाहकार और इंटर्न सोमवार को अस्पताल परिसर में विरोध प्रदर्शन पर उतर आए। गोवा एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (GARD) और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने एक स्वर में राणे के व्यवहार को “अमानवीय और अपमानजनक” बताया।
डॉ. कुट्टिकर ने कहा,
“मेरी बेइज्जती सार्वजनिक रूप से हुई, तो माफी भी वहीं होनी चाहिए। टीवी पर दी गई ‘स्टूडियो माफी’ नाकाफी है।”
डॉक्टरों ने यह भी मांग की कि अस्पताल के आपातकालीन और संवेदनशील क्षेत्रों में वीडियोग्राफी पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए ताकि स्वास्थ्यकर्मियों की गरिमा बनी रहे।
मंत्री ने दी सफाई, लेकिन फिर से माफी से इनकार
बढ़ते विरोध के बीच राणे ने सोशल मीडिया और एक क्षेत्रीय चैनल पर माफी मांगते हुए कहा,
“मेरे इरादे सही थे, लेकिन शब्द गलत थे। मैं डॉ. कुट्टिकर और उनके परिवार से माफी मांगता हूं।”
हालांकि जब पत्रकारों ने पूछा कि क्या वे अस्पताल जाकर सार्वजनिक माफी मांगेंगे, तो राणे ने साफ शब्दों में कहा,
“नहीं। मैंने पहले ही माफी मांग ली है। इससे ज्यादा क्या उम्मीद की जा सकती है?”
मुख्यमंत्री ने किया हस्तक्षेप
मामला गरमाता देख गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने हस्तक्षेप करते हुए डॉ. कुट्टिकर के निलंबन को रद्द कर दिया और मामले को शांत करने की कोशिश की। उन्होंने कहा,
“मैंने स्वास्थ्य मंत्री से चर्चा की और डॉक्टर का निलंबन रद्द करने का निर्णय लिया।”
विपक्ष ने साधा निशाना
इस पूरे घटनाक्रम पर विपक्ष ने भी राज्य सरकार को घेरा। कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और रिवॉल्यूशनरी गोअन्स पार्टी ने राणे के रवैये को “तानाशाही और अहंकारी” बताया। गोवा कांग्रेस अध्यक्ष अमित पटकर ने मांग की कि,
“राणे को तत्काल बर्खास्त किया जाए, वरना जनता सड़कों पर उतरेगी।”