एमएनएनआईटी में अब इंजीनियरिंग के साथ पढ़ाया जाएगा संविधान: बीटेक छात्रों को सामाजिक न्याय और नागरिक जिम्मेदारी का पाठ

प्रयागराज। मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनएनआईटी) एक ऐतिहासिक पहल करते हुए शैक्षणिक सत्र 2025-26 से बीटेक पाठ्यक्रमों में भारतीय संविधान का अनिवार्य अध्ययन शुरू करने जा रहा है। अब भावी इंजीनियर सिर्फ तकनीकी ज्ञान ही नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय, समानता, अधिकार और कर्तव्यों की मूलभूत समझ के साथ भी तैयार होंगे।

संस्थान की सीनेट ने ‘इंट्रोडक्शन टू इंडियन कांस्टीट्यूशन’ नामक दो क्रेडिट के इस नए कोर्स को मंजूरी दे दी है। यह विषय बीटेक प्रथम सेमेस्टर में सभी ब्रांच के छात्रों के लिए अनिवार्य होगा।

समाज के प्रति जिम्मेदारी का अहसास

संस्थान के डीन (अकादमिक) प्रोफेसर एल.के. मिश्र ने बताया कि इस विषय के माध्यम से छात्रों को संविधान की बुनियादी जानकारी, उसके निर्माण की प्रक्रिया, नागरिक अधिकार और कर्तव्यों, संघीय ढांचे, न्यायपालिका की भूमिका और लोकतांत्रिक मूल्यों से अवगत कराया जाएगा। यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी-2020) के अनुरूप की गई है, जो छात्रों के समग्र विकास पर बल देती है।

तकनीकी ज्ञान के साथ नैतिकता और सामाजिक चेतना

नया पाठ्यक्रम छात्रों में न केवल तकनीकी दक्षता को बढ़ाएगा, बल्कि उन्हें एक जिम्मेदार नागरिक बनाने में भी मदद करेगा। इससे छात्रों में समानता, न्याय, लोकतंत्र और सामाजिक समरसता जैसे मूल्यों को लेकर जागरूकता बढ़ेगी। संस्थान का उद्देश्य है कि इंजीनियरिंग के छात्र केवल प्रोफेशनल न बनें, बल्कि समाज के प्रति संवेदनशील और उत्तरदायी नागरिक भी बनें।

एनईपी-2020 के तहत नया ढांचा

एमएनएनआईटी में पहले ही एनईपी-2020 लागू किया जा चुका है। बीटेक प्रोग्राम अब चार श्रेणियों में विभाजित हैं:

1. जनरल बीटेक (केवल मुख्य ब्रांच के विषय)

2. बीटेक विद माइनर (दूसरी ब्रांच का एक विषय अनिवार्य)

3. बीटेक ऑनर्स (मुख्य ब्रांच का एडवांस विषय)

4. बीटेक ऑनर्स विद माइनर (दूसरी ब्रांच का एडवांस विषय)

 

प्रत्येक प्रोग्राम 160 से 200 क्रेडिट तक का है, जिसमें अब संविधान का यह दो क्रेडिट कोर्स भी जोड़ा गया है।

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