रायपुर, 16 जून 2025/ कभी पेयजल संकट से जूझने वाला बीजापुर जिले का ग्राम चिलकापल्ली, आज जल जीवन मिशन के माध्यम से एक आदर्श ग्राम के रूप में उभर रहा है। फुतकेल ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाले इस छोटे से गांव में अब 132 परिवारों को नल कनेक्शन के माध्यम से शुद्ध पेयजल उनके घरों में ही उपलब्ध हो रहा है।
पहले इस गांव के लोगों की जल आवश्यकता हैंडपंपों से पूरी होती थी, जो गर्मी के दिनों में अक्सर जवाब दे जाते थे। महिलाओं और बच्चों को दूर-दूर तक पानी की तलाश में भटकना पड़ता था। लेकिन अब, छत्तीसगढ़ सरकार की नियद नेल्लानार योजना और जल जीवन मिशन ने इस गांव के हालात पूरी तरह बदल दिए हैं। जल जीवन मिशन के तहत ग्राम चिलकापल्ली में 37.89 लाख रुपये की लागत से 7138 मीटर लंबी पाइपलाइन बिछाई गई। इसके साथ ही 5 सौर ऊर्जा आधारित जल आपूर्ति प्रणाली की स्थापना की गई, जिससे हर घर तक स्वच्छ पेयजल पहुंच सुनिश्चित हो सकी है।
ग्राम पंचायत के पंच श्री नुप्पो देवा बताते हैं कि पहले महिलाओं और बच्चों को घंटों लाइन में लगकर या दूर-दूर से पानी लाना पड़ता था। अब घर में ही नल से पानी मिल रहा है, जिससे समय की भी बचत हो रही है और जीवन की गुणवत्ता भी सुधरी है। वहीं ग्रामवासी श्रीमती नुप्पो पोज्जी भी कहती हैं, अब हमें घर में ही पानी मिल जाता है। पहले बहुत दिक्कत होती थी, अब जीवन आसान हो गया है। 23 जून 2025 को ग्रामसभा में चिलकापल्ली को ‘हर घर जल’ प्रमाणीकरण भी प्राप्त हुआ। इस अवसर पर सरपंच श्री मनीष कुमार मुसक्की, पंचगण लेकम गुज्जा एवं मड़कम हेमंत, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारी, कर्मचारी और समस्त ग्रामवासी उपस्थित रहे।
अब गांव में जल जीवन मिशन के अंतर्गत बनी जल आपूर्ति प्रणाली के संचालन, रख-रखाव और सतत निगरानी की जिम्मेदारी खुद ग्रामवासियों को सौंपी गई है। ग्रामवासी जल संरक्षण और उसके महत्व को समझते हुए जागरूकता फैलाने में भी अहम भूमिका निभा रहे हैं। जल जीवन मिशन के कारण न केवल चिलकापल्ली में पेयजल संकट समाप्त हुआ है, बल्कि यह योजना स्वास्थ्य सुधार, समय की बचत, महिला सशक्तिकरण और सामुदायिक विकास का भी आधार बन गई है। चिलकापल्ली अब एक ऐसा उदाहरण बन चुका है, जो बताता है कि यदि योजना का क्रियान्वयन सही दिशा में हो, तो गांव की तस्वीर और तकदीर दोनों बदली जा सकती हैं। जल जीवन मिशन वास्तव में ग्रामीण भारत के उज्जवल भविष्य की ओर एक सशक्त कदम है, और चिलकापल्ली इसकी सशक्त मिसाल।