भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की वेबसाइट पर साइबर हैकर्स के हमले को लेकर आधिकारिक सूत्र का दावा है कि आईसीएमआर की वेबसाइट सुरक्षित है. साइट एनआईसी डेटा सेंटर में होस्ट की गई है, फायरवॉल एनआईसी से है और इसे नियमित रूप से अपडेट किया जाता है.एनआईसी को साइबर हमले के बारे में ईमेल के माध्यम से सूचित किया गया था और उसने रिपोर्ट दी थी कि हमले को रोका गया था,
सूत्रों के मुताबिक, 30 नवंबर को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की साइट पर करीब 6 हजार से भी ज्यादा बार साइबर हमले की कोशिश की गई. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, आईपी एड्रेस के आधार पर जांच की गई तो इसमें हांगकांग स्थित एक ब्लैक लिस्टेड आईपी से ट्रेस किया गया.
वहीं, आईसीएमआर की ओर से कहा गया है कि साइबर हमले के बाद हमलावरों को ब्लॉक कर दिया गया. इस कारण लगातार कोशिश के बाद भी वो अपने मंसूबे में सफल नहीं हो सके. वहीं, घटना के बाद आईसीएमआर की ओर से आई टीम को भी अलर्ट कर दिया गया.
गौरतलब है कि इससे पहले दिल्ली एम्स पर भी साइबर अटैक किया गया था. हैकर्स ने दिल्ली एम्स का सर्वर हैक कर लिया था, जिस कारण अस्पताल के अधिकांश ऑनलाइन कामकाज ठप हो गया था. तीन-चार दिनों से ज्यादा अस्पताल का काम मैनुअल मोड किया गया था. हमले के बाद एम्स के अधिकांश सर्वरों ने काम करना बंद कर दिया था. यहां तक की राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआइसी) द्वारा प्रबंधित ई-हॉस्पिटल नेटवर्क भी. आपातकालीन, बहिरंग रोगी, अंतः रोगी और प्रयोगशाला विंग सहित सभी कार्यों को कंप्यूटर की जगह हाथों से करना पड़ा.