एलन मस्क को पीछे छोड़ ”बेयरनार आर्नो”  बने दुनिया के सबसे अमीर शख़्स

फोर्ब्स और ब्लूमबर्ग के मुताबिक़, फ्रांसीसी व्यापारी बेयरनार आर्नो अपनी 171 अरब डॉलर की संपत्ति के दम पर दुनिया के सबसे अमीर शख़्स बन गए हैं.

इस समय एलन मस्क की संपत्ति 164 अरब डॉलर है.

तीसरे नंबर पर भारतीय व्यवसायी गौतम अदानी है जिनकी संपत्ति 125 अरब डॉलर है. वहीं, चौथे और पांचवे स्थान पर जेफ़ बेजोस और बिल गेट्स हैं.

लेकिन बेयरनार आर्नो कौन हैं और उन्होंने इतनी धन-दौलत कैसे कमाई?

बेयरनार आर्नो एक फ्रांसीसी व्यवसायी हैं जो एलवीएमएच समूह के अध्यक्ष हैं. इस समूह के पास सत्तर से ज़्यादा कंपनियां हैं जो दुनिया भर में लग़्जरी उत्पाद बेचती हैं.

इनमें लग्ज़री कपड़े बेचने वाली कंपनियां लुइ विटन और फेंडी से लेकर मेकअप प्रोडक्ट बेचने वाली फेंटी ब्यूटी और वाइन बेचने वाली कंपनी डॉम पेरिग्नोन आदि शामिल हैं.

ये वो कंपनियां हैं जो दुनिया भर में सबसे महंगे लग्ज़री उत्पादों को बेचने के लिए जानी जाती हैं.

यही नहीं, ये वो कंपनियां भी हैं जहां मार्क जैकब्स से लेकर वर्जिल अब्लोह, राफ़ सिम्सन्स और फीबी फिलो जैसे दुनिया के नामचीन डिज़ायनरों ने नाम कमाया है.

बेयरनार आर्नो इससे पहले साल 2019 में चर्चा का विषय बने थे जब उन्होंने चर्चित अमेरिकी ज्वेलरी ब्रांड टिफ़नी को ख़रीदा था.

उस वक़्त आर्नो की कुल संपत्ति 106.9 अरब अमेरिकी डॉलर थी जो अब बढ़कर 170 अरब अमेरिकी डॉलर के पार चली गयी है.

लुइ विटन के बैग और दूसरी चीजों के साथ एक महिला

अमेरिकी मैग़ज़ीन फोर्ब्स के मुताबिक, बेयरनार आर्नो को दुनिया भर में मॉर्डन लग्ज़री इंडस्ट्री का गॉड फादर कहा जाता है.

आज भारत से लेकर चीन और अमेरिका और अफ़्रीकी शहरों में फ्रेंच कंपनी लुइ विटन समेत अन्य ब्रांड्स पहनने वाले मौजूद हैं.

न्यू यॉर्क टाइम्स ने अपने एक लेख में लिखा है कि इस इंडस्ट्री को शुरू करने का विचार भी बेयरनार आर्नो का ही है.

इस लेख के मुताबिक़, ‘बेयरनार आर्नो के पिता ने कंस्ट्रक्शन बिज़नेस से पैसा कमाया. लेकिन बेयरनार आर्नो ने शुरुआती उम्र में ही पहचान लिया था कि पहनने-ओढ़ने जैसे उत्पाद बनाने वाले परिवारों की कंपनियों को पेशेवर बनाकर उनकी बिखरी ताक़त को एक समूह में समाहित किया जा सकता है. वह कहते हैं कि 1980 में जब वह न्यू यॉर्क पहुंचे तो एक कैब ड्राइवर से बातचीत में उन्हें पता चला कि ड्राइवर डे गुल को नहीं जानता था. लेकिन वह ‘डीआ’ के बारे में जानता था. उसी क्षण एक साम्राज्य खड़ा करने का विचार उनके मन में पैदा हुआ.’

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