वित्त मंत्रालय ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए हाउस रेंट अलाउंस (HRA) से जुड़े नियमों में बदलाव किया है. नए नियमों के मुताबिक, सरकारी कर्मचारी कुछ मामलों में HRA के लिए योग्य नहीं होंगे.
ऐसे में अगर आप केंद्र सरकार के कर्मचारी हैं, तो आपको जान लेना चाहिए कि ये शर्तें क्या हैं. आइए इन्हें डिटेल में जान लेते हैं.
1. पहला नियम यह है कि अगर कर्मचारी दूसरे सरकारी कर्मचारी को दिए गए सरकारी आवास को शेयर करता है, तो वे इसके लिए योग्य नहीं होगा.
2. इसके अलावा अगर कर्मचारी के माता-पिता, बेटे या बेटी को इनमें से किसी ने घर अलॉट किया है और वह उसमें रह रहा है. इनमें केंद्र या राज्य सरकार, पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग और सेमी-गवर्मेंट ऑर्गनाइजेशन जैसे नगर निगम, पोर्ट ट्रस्ट, नेशनलाइज्ड बैंक, LIC आदि शामिल हैं.
3. अगर सरकारी कर्मचारी के जीवनसाथी को ऊपर बताई गई किसी इकाई ने घर दिया है. और अगर वह उस घर में रह रहा है या अलग किराये पर रह रहा है, तो भी वह योग्य नहीं होगा.
HRA जिसे हाउस रेंट अलाउंस कहते हैं, यह आपकी सैलरी का बड़ा हिस्सा होता है. अगर कोई सैलरीड इंडिविजुअल किराए के घर पर रहता है तो उसे इस पर टैक्स एग्जेम्पशन मिलता है. आपको कितना HRA मिलेगा इसका फैसला आपका एंप्लॉयर करता है लेकिन इसमें ऑप्टिमाइजेशन की गुंजाइश होती है.
HRA क्लेम केवल सैलरीड इंडिविजुअल कर सकता है. सेल्फ एंप्लॉयड एचआरए क्लेम नहीं कर सकता है. जिस घर में सैलरीड इंडिविजुअल रह रहा है वह किराए का होना चाहिए. खुद के घर में रहने पर इसका लाभ नहीं मिलता है. रेंट आपकी सैलरी का 10 फीसदी से ज्यादा होना चाहिए तभी इसका फायदा उठाया जा सकता है. इसके साथ ही रेंट पति या पत्नी को नहीं दिया जा सकता है.
कितना एचआरए क्लेम किया जा सकता है इसके लेकर तीन प्रमुख शर्तें हैं. पहली शर्त ये है कि जितना HRA मिलता है उससे ज्यादा डिडक्शन का लाभ नहीं उठाया जा सकता है. मेट्रो सिटी के लिए यह अधिकतम बेसिक और महंगाई भत्ता का 50 फीसदी हो सकता है. तीसरी शर्त के मुताबिक, जितना रेंट आपने दिया है माइनस बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ता का 10 फीसदी से ज्यादा यह क्लेम नहीं किया जा सकता है.