नहीं बचा सका‎ घायल तेंदुआ को, इस महीने दूसरी मौत

बिलासपुर- कानन पेंडारी जूलॉजिकल पार्क में एक महीने में वन्यप्राणी की यह दूसरी मौत है। 16 फरवरी को तखतपुर क्षेत्र के ग्रामीण बिनौरी में एक नर तेंदुआ को घायल अवस्था में रेस्क्यू करके लाया गया था। तीन दिन पहले तखतपुर क्षेत्र के ग्राम बिनौरी में गंभीर रुप से घायल मिले तेंदुए की रविवार को कानन पेंडारी जू में मौत हो गई। शिकारी फंदे में इसका पेट और कमर का हिस्सा बुरी तरह से फंस कस चुका था इससे 1.25 सेंटीमीटर गहरा घाव कमर से लेकर पेट तक चारों तरफ हो चुका था। इसमें पीठ वाले हिस्से में कीड़े लग चुके थी। कानन पेंडारी लाए जाने के बाद फंदे के तार को काटकर निकाला गया।

प्रबंधन चाहता तो वन्यप्राणी विशेषज्ञ डाक्टरों को बुलवाकर उसका इलाज करवा सकता था लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। घाव में कीड़े लग जाने से तेंदुआ काफी तकलीफ था। लेकिन प्रबंधन अपने ही डाक्टरों के जरिए इलाज की मशक्कत करता रहा। कानन पेंडारी में अगर कोई वन्यप्राणी बीमार पड़ जाए तो उसका मरना तय है। अब तक कुछ ही ऐसे वन्यप्राणी हैं जिन्हें बचाया जा सका है। इसके बाद घाव की जांच करने पर पता चला कि कमर वाले हिस्से में जो जख्म है उसमें कीड़े लग चुके हैं। कानन पेंडारी के चिकित्सक अपनी जानकारी के मुताबिक कीड़ा निकालते रहे, लेकिन ऐसे मामलों में वन्यप्राणी विशेषज्ञ डाक्टरों को बुलाया जाना चाहिए लेकिन कानन प्रबंधन ने ऐसा कुछ नहीं किया। इससे कीड़े शरीर के अंदर तक चले गए और अंदरूनी हिस्से को भी नुकसान पहुंचाया। इससे 15 साल के नर तेंदुआ की मौत हो गई

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