अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति के उद्यमियों के लिए कृषि और बाजरा उत्पादों पर वित्तीय अवसर ”
(Export Awareness Program on Agriculture Products & Millets & Financial Opportunities For SC/ST Entrepreneurs)
दलित इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (DICCI) की स्थापना 2005 में पुणे में की गई थी आज यह संगठन 29 राज्य अध्यायों और 7 अंतर्राष्ट्रीय अध्यायों की मदद से विकसित है। वर्तमान में DICCI लगातार दलित उद्यमी को विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से जागरूक कर रहे है और यही कारण है कि इस संगठन में सदस्यता का आधार तेजी से बढ़ रहा है |
DICCI संगठन का एक मात्र मिशन है कि ‘नौकरी देने वाले बनें-नौकरी मांगने वाले नहीं‘ इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ DICCI चैप्टर ने APEDA (Agriculture & Processed Food Products Export Development Authority) ने साथ मिलकर निर्यात जागरूकता कार्यक्रम के तहत “Export Awareness Program on Agriculture Products & Millets & Financial Opportunities For SC/ST Entrepreneurs” विषय पर जागरूकता कार्यक्रम आज दिनांक 27.03.23 को रामसागर पारा स्थित होटल में आयोजित किया था जिसमे छत्तीसगढ़ DICCI चैप्टर के अध्यक्ष श्री प्रमोद घरडे ने APEDA क्षेत्रीय कार्यालय भोपाल से BDM श्री अशोक कुमार बोरा को विशेष अतिथि के रूप में एवं DGM NSIC श्री एम.एम.सिन्हा, CGM DIC श्री ए.एच.येज्दानी और JD उद्योग निदेशालय छ.ग़. से श्री संजय गजघाटे को टेक्निकल स्पीकर के रूप में आमंत्रित किया था |
इस निर्यात जागरूकता कार्यक्रम में पुरे छत्तीसगढ़ से संगठन में शामिल सदस्यों के साथ-साथ अन्य दलित उद्यमी ने बड़-चढ़ कर हिस्सा लिया कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ DICCI चैप्टर के अध्यक्ष श्री प्रमोद घरडे ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए आसान शब्दों में निर्यात का अवसर बताते हुए जागरूकता कार्यक्रम में आये सभी दलित युवाओं एवं सदस्यों को उद्यमी के रूप में व्यवसाय और उद्योग क्षेत्र में प्रवेश करने और अपनी जगह बनाने के लिए प्रेरित करने के साथ-साथ उन्हें धन सृजन के माध्यम से देश की अर्थव्यवस्था में योगदान करने के लिए और अन्य साथी सदस्यों में उद्यम की भावना का प्रसार करने के लिए प्रोत्साहित किया और इस बात पर जोर दिया कि हमारा मिशन दलित उद्यमियों को प्रोत्साहित कर उनके उद्यमों में उनका समर्थन करना है।