प्रगणकों से चर्चा की, समास्याओं का समाधान किया, ग्रामीणों से सर्वेक्षण में सहयोग की अपील…
गौरतलब है कि नारायणपुर पहुंचने का रास्ता काफी दुर्गम है। यहां पहुंचने के लिए कलेक्टर पीएस ध्रुव 2 किलोमीटर पैदल चले फिर आगे से 2 किलोमीटर मोटरसाइकिल चलाकर गांव पहुंचे और सर्वेक्षण कार्य में जुटे प्रगणकों के कार्य का मुआयना किया। कलेक्टर ने इस मौके पर ग्रामीणों से बातचीत की और सभी आवश्यक जानकारी सर्वे दल को उपलब्ध कराने समझाइश दी। सर्वे में आ रही कठिनाइयों का कलेक्टर ने बैठकर स्वयं निदान किया। इसके पश्चात कलेक्टर ने आज खंडगवां विकासखंड के सकड़ा के टगतेरा पारा जाकर प्रगणक द्वारा किए जा रहे कार्य का निरीक्षण किया। ग्राम जरोदा के परसामूडा में प्रगणक द्वारा किए जा रहे कार्य का निरीक्षण किया। ग्राम भोता पहुंचकर प्रगणक के कार्य का जायजा लिया ग्राम भोता में 360 परिवार है। अभी तक 52 परिवार का सर्वेक्षण कार्य पूर्णकर लिए हैं नारायणपुर में 301 परिवार है 54 परिवार का सर्वेक्षण कार्य पूर्ण करा लिया गया। ग्राम जरोधा बड़ा ग्राम होने के कारण दो प्रगणक दल बनाए गए हैं जिनके द्वारा सर्वेक्षण कार्य किया जा रहा है। ग्राम सकड़ा के निरीक्षण के दौरान एक 17 वर्ष लड़की सविता पिता लाल सिंह जो आठवीं कक्षा पढ़कर परिवार के आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण पढ़ाई छोड़ दी है तथा एक छोटे से किराना दुकान सड़क के किनारे रखकर उसी में काम करती है। कलेक्टर ने उस लड़की पर पढ़ने पर उसे पास में बुलाया उनकी माता पिता के काम के बारे में पूछताछ किया उनके पढ़ाई के बारे में पूछताछ किया तब सविता ने कलेक्टर को बताया मैं आज से 5 वर्ष पूर्व आठवीं कक्षा तक पढ़कर छोड़ दी हूं। यहां से हाई स्कूल जरोधा दूर होने के कारण परिवार की स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण आगे की पढ़ाई नहीं कर पाई इस पर कलेक्टर ने लड़की के माता-पिता को बुलाया पड़ोसियों को बुलाया लड़की को समझाइश देने के साथ-साथ उनके माता-पिता और पड़ोसियों को आगे के पढ़ाई के बारे में शिक्षा के महत्व के बारे में बताया तब सविता पढ़ने के लिए तैयार हो गई। कलेक्टर ने मौके पर से ही जिला शिक्षा अधिकारी श्री अजय मिश्रा से दूरभाष पर बातचीत की और इसे अगले शिक्षा सत्र 2030-24 में आगे की पढ़ाई के लिए छात्रावास में रखकर सविता की पढ़ाई जारी रखवाने निर्देशित किया। लड़की सविता के मां बाप आसपास के पड़ोसी कलेक्टर को अपने बीच अपने घर के बरामदा मैं बैठा पाकर खुश नजर आए। कलेक्टर ने सविता के मां-बाप उसके चचेरे मामा और पड़ोसियों से मनरेगा कार्य, राशन कार्ड, पानी की उपलब्धता, राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना, गोधन न्याय योजना के संबंध में बातचीत की। सगड़ा जिले के अंतिम छोर का गांव है और यह जीपीएम जिले से लगा हुआ है।