कोलकाता : राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) राज्य के विभिन्न सुधार गृहों में बंद अनुसूचित जाति समुदाय के राजनीतिक कैदियों की दुर्दशा पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस को रिपोर्ट सौंपेगा। हाल ही में आयोग के उपाध्यक्ष अरुण हलदर के नेतृत्व में एनसीएससी की एक टीम ने कोलकाता के एक केंद्रीय सुधार गृह का अचानक दौरा किया और स्थिति की समीक्षा की।
हलदर ने मीडियाकर्मियों को बताया कि आयोग ने राष्ट्रपति और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल को उनकी खोज के बारे में रिपोर्ट करने का फैसला किया है। उनके अनुसार, अनुसूचित जाति समुदाय के कई राजनीतिक कैदी वर्षों से बिना किसी मुकदमे के राज्य के विभिन्न सुधार गृहों में बंद हैं।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि हालांकि इस मामले को राज्य सचिवालय के संज्ञान में लाया गया था, लेकिन कोई जवाब नहीं आया। हलदर ने अनुसूचित जाति समुदाय के विचाराधीन कैदियों पर संबंधित मामलों में अपने बयानों को बार-बार बदलने का भी आरोप लगाया, जिससे न्याय की प्रक्रिया में देरी हो रही है। उन्होंने कहा, इसलिए हमने इस मामले को भारत के राष्ट्रपति और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के समक्ष उठाने का फैसला किया है। हालांकि, सुधारात्मक सेवा विभाग के पश्चिम बंगाल राज्य मंत्री अखिल गिरी ने आयोग के दावों को खारिज कर दिया है।
मंत्री ने कहा, आयोग के प्रतिनिधि अपनी नियमित यात्रा के तहत एक केंद्रीय सुधार गृह आए। आयोग के सदस्यों ने अपना कर्तव्य निभाया। लेकिन मैं उनके द्वारा लगाए गए आरोपों से पूरी तरह असहमत हूं। ये आरोप निराधार हैं।