योगेश/ डेस्क…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 मई, दिन रविवार 2023 को नए संसद भवन का उद्घाटन कर दिया है। उन्होंने संसद भवन में सेंगोल स्थापित कर 20 पंडितों से आशीर्वाद लिया।
लेकिन क्या आप पुराने संसद भवन का इतिहास जानते हैं…
बता दें कि पुरानी संसद का शिलान्यास 12 फरवरी 1921 में हुआ था। इसका निर्माण कार्य करीब 6 वर्षों तक चला। पुराने संसद भवन को ब्रिटिश वास्तुकार सर एडविन लुटियन्स और हर्बर्ट बेकर ने काउंसिल हाउस के रूप में डिजाइन किया था। इस तरह पुराना संसद भवन 1927 में बनकर तैयार हुआ था। चूंकि भवन निर्माण के समय देश में अंग्रेजों की हुकूमत थी, इसलिए इसका निर्माण भी अंग्रेजी सरकार द्वारा कराया गया था। उस वक्त इस भवन में ब्रिटिश सरकार की विधान परिषद काम करती थी। तब इसे बनाने में कुल 83 लाख रुपए का खर्च आया था। संसद भवन का डिजाइन भले ही विदेशी वास्तुकार ने बनाया था, लेकिन इसका निर्माण भारतीय सामग्री से भारतीय श्रमिकों द्वारा किया गया था।
संसद भवन 556 मीटर व्यास में बना हुआ था। लेकिन जब ज्यादा जगह की जरूरत पड़ी तो 1956 में फिर से इसका निर्माण कार्य फिर से शुरू हुआ और इसमें दो मंजिला और जोड़ी गई। उस समय इसे संसद भवन नहीं बल्कि हाउस ऑफ पार्लियामेंट कहा जाता था। आजादी के बाद से यहां हमारे सांसद बैठने लगे और इसे संसद भवन कहा जाने लगा।
पुरानी संसद भवन का उद्घाटन 18 जनवरी 1927 को हुआ था। उस समय देश में वायसराय को सर्वोच्च माना जाता था, इसलिए उन्हीं से ही संसद भवन का उद्घाटन भी कराया गया। 1926 से 1931 तक लॉर्ड इरविन भारत के वायसराय थे।