भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कर्नाटक स्थित महालक्ष्मी सहकारी बैंक के बैंकिंग लाइसेंस को रद्द कर दिया है। अब यह बैंक सिर्फ नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (NBFC) की तरह काम करेगा। केंद्रीय बैंक ने बताया कि 27 जून, 2023 को कारोबार बंद होने के साथ ही यह प्रभावी हो गया है। रिजर्व बैंक ने कहा कि महालक्ष्मी सहकारी बैंक लिमिटेड गैर-बैंकिंग संस्थान के रूप में काम करता रहेगा। बता दें कि रिजर्व बैंक ने महालक्ष्मी सहकारी बैंक के लिए लाइसेंस 23 मार्च 1994 को दिया था।
रिजर्व बैंक की बढ़ रही सख्ती: बीते कुछ समय से केंद्रीय रिजर्व बैंक की को-ऑपरेटिव बैंकों पर सख्ती बढ़ रही है। उदाहरण के लिए अप्रैल 2023 में केंद्रीय रिजर्व बैंक ने अडूर को-ऑपरेटिव अर्बन का बैंकिंग लाइसेंस रद्द कर दिया और इसे केवल NBFC के रूप में काम करने की अनुमति दी थी। वहीं, वित्त वर्ष 2023 में नौ लेंडर्स के लाइसेंस रद्द किए जा चुके हैं। इससे पहले सोमवार को रिजर्व बैंक ने कुछ मानदंडों के उल्लंघन/पालन न करने के लिए सात सहकारी बैंकों पर जुर्माना लगाया था। ये सहकारी बैंक थे- टेक्सटाइल ट्रेडर्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, उज्जैन नागरिक सहकारी बैंक मर्यादित, पनिहाटी को-ऑपरेटिव बैंक, द बेरहामपुर को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक, सोलापुर सिद्धेश्वर सहकारी बैंक, उत्तर प्रदेश को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड और उत्तरपारा को-ऑपरेटिव बैंक हैं।
केंद्रीय बैंक ने उत्तर प्रदेश सहकारी बैंक लिमिटेड पर 28 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। टेक्सटाइल ट्रेडर्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर ₹4.50 लाख का जुर्माना लगाया गया। इसके अलावा, केंद्रीय बैंक ने पानीहाटी सहकारी बैंक और उत्तरपारा सहकारी बैंक प्रत्येक पर ₹2.50 लाख का जुर्माना लगाया। सोलापुर सिद्धेश्वर सहकारी बैंक पर ₹1.50 लाख और उज्जैन नागरिक सहकारी बैंक मर्यादित और द बेरहामपुर सहकारी शहरी बैंक पर ₹1-1 लाख का जुर्माना लगाया गया।