विश्व में भारत एक ऐसा देश है जहां दुनियां का सबसे पुराना विश्वविद्यालय बना था। प्राचीन समय में भारत में ऐसे कई विश्वविद्यालय थे, जहां देश-विदेश के छात्र और छात्राएं पढ़ने आते थे। भारत में चौथी शताब्दी से लेकर छठी शताब्दी तक ऐसे कई विश्वविद्यालय बने जो आज भी भारत के इतिहास में दर्ज हैं।
1-तक्षशिला विश्वविद्यालय
भारत में सबसे पहले और सबसे प्राचीन जिस विश्वविद्यालय का नाम लिया जाता है, वो था तक्षशिला। इतिहास में यह कहा जाता है कि इस विश्वविद्यालय का निर्माण लगभग 27000 वर्ष पहले किया गया था। आपकी जानकारी के लिए यह बता दें कि आज यह विश्वविद्यालय पाकिस्तान में है लेकिन, भारत के बटवारे से पहले यह भारत के सबसे पुराने विश्वविद्यालयों में से एक था। इस विश्वविद्यालय में विश्व के अलग-अलग कोने से स्टूडेंट पढ़ने आते थे। यहां , नितिशास्त्र जैसे कई विषय पढ़ाए जाते थे। यह भी कहा जाता है कि यहां कई देशों के राजकुमार भी विश्वविद्यालय में पढ़ने आते पढ़ते थे।
2-नालंदा विश्वविद्यालय
तक्षशिला के बाद अगर सबसे प्राचीन और सबसे बड़े विश्वविद्यालय का नाम आता है, तो वो है नालंदा विश्वविद्यालय। यह भारत के बिहार राज्य में है। इस विश्वविद्यालय का निर्माण 450-470 इस्वी के दौरान उस समय के गुप्त वंश के शासक कुमारगुप्त ने किया था। इस विश्वविद्यालय में उस समय केवल भारत के ही नहीं बल्कि, चीन, जापान, तिब्बत, कोरिया, इंडोनेशिया और तुर्की जैसे कई बड़े देशों से छात्र-छात्राएं पढ़ने के लिए आते थे। इस विश्वविद्यालय के बारे में ऐसा भी कहा जाता है कि उस समय इस विश्वविद्यालय में कम से कम 300 से अधिक क्लास रूम थे, और यहां के टीचर्स के लिए 9 मंजिल की एक बहुत बड़ी लाइब्रेरी भी थी।
3-विक्रमशीला विश्वविद्यालय
नालंदा और तक्षशिला के बाद भारत में सबसे प्राचीन विश्वविद्यालय का नाम है विक्रमशीला विश्वविद्यालय है। आपकी जानकारी के लिए यह बता दें कि विक्रमशीला विश्वविद्यालय बिहार राज्य के भागलपुर जिले में है। इस विश्वविद्यालय को पाल वंश के राजा धर्मपाल ने बनवाया था। इस विश्वविद्यालय में अन्य विद्यालयों की तरह भारत के साथ-साथ विदेश से भी विद्यार्थी पढ़ने के लिए आते थे। विक्रमशीला विश्वविद्यालय बिहार राज्य का एक प्रमुख भी है जहां दूर-दूर से सैलानी घूमने आते हैं।
4-वल्लभी विश्वविद्यालय
यह विश्वविद्यालय गुजरात में हैं। इतिहास की कई किताबों में इसका जिक्र किया गया है कि इस विश्वविद्यालय का निर्माण लगभग 470 इस्वी के आस-पास हुआ था। पढ़ाई के मामले में नालंदा, तक्षशिला और विक्रमशीला के बराबर ही इसे उस समय माना जाता था। इस विश्वविद्यालय के बारे में ऐसा भी कहां जाता है कि यह बौद्ध धर्म के शिक्षा का प्रमुख केंद्र था। इस विश्वविद्यालय के बारे में यह भी कहा जाता है कि उस समय इसकी इमारत बेहतरीन कला का उदहारण थी, जो धीरे-धीरे नष्ट होती चली गई। यहां आज भी सैलानी घूमने के लिए आते हैं
5-पुष्पगिरी विश्वविद्यालय
पुष्पगिरी विश्वविद्यालय भारत के उड़ीसा राज्य में है। इसका निर्माण लगभग तीसरी शताब्दी के आस-पास किया गया था। उस समय यह विश्वविद्यालय उड़ीसा की पहाड़ियों के बीचों-बीच बनवाया गया था। इसके निर्माण के बारे में कहा जाता हैं कि इसे सम्राट अशोक ने बनवाया था। इस विश्वविद्यालय के बारे में ये भी कहा जाता है कि लगभग 700 से 800 सालों तक भारत में शिक्षा का यह प्रमुख केंद्र था।