तुलसी के पत्तों में कई औषधीय गुण होते हैं. इन पत्तों को आयुर्वेद में भी कई बीमारियों के लिए रामबाण माना गया है. तुलसी के पत्तों में कई विटामिन और मिनरल्स होते हैं. वेब एमडी की रिपोर्ट के मुताबिक तुलसी में ल्यूटिन, ज़ेक्सैन्थिन, बीटा-कैरोटीन और बीटा-क्रिप्टोक्सैन्थिन जैसे एंटीऑक्सिडेंट भी होते हैं.
ये एंटीऑक्सिडेंट शरीर के फ्री रेडिकल्स से लड़ने में मदद करते हैं. तुलसी के पत्ते खाने से कैंसर, हार्ट डिजीज, अर्थराइटिस का खतरा कम हो सकता है.
तुलसी के पत्तों का सेवन करने से डायबिटीज के मरीजों का ब्लड शुगर कंट्रोल किया जा सकता है. तुलसी में एंटीडायबिटिक गुण होते हैं. एक स्टडी में पता चला था कि तुलसी के पत्तों के अर्क ने ब्लड शुगर कम करने में काफी मदद की. तुलसी हाई ब्लड शुगर के इलाज में भी सहायक हो सकती है. आयुर्वेद में तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल कई बीमारियों के इलाज में किया जाता है. डायबिटीज के मरीज तुलसी के पत्ते खा सकते हैं. (Image- Canva)
तुलसी को हार्ट हेल्थ के लिए बेहद फायदेमंद माना जा सकता है. तुलसी में मौजूद यूजेनॉल ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद कर सकता है. इसमें मौजूद एसेंशियल ऑयल आपके कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स को कम करने में मदद कर सकते हैं. तुलसी में मैग्नीशियम भी होता है, जो मांसपेशियों और रक्त वाहिकाओं को आराम देकर ब्लड फ्लो को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है. इससे हार्ट डिजीज का खतरा कम हो जाता है. (Image- Canva)
आयुर्वेदिक चिकित्सा में तुलसी एक लोकप्रिय जड़ी बूटी है. कई शोध से पता चला है कि तुलसी के पत्ते आपकी मेंटल हेल्थ को सुधार सकते हैं. तुलसी में ऐसे यौगिक होते हैं, जो स्ट्रेस, एंजाइटी और डिप्रेशन को कम करने में मदद करते हैं. इन पत्तों का सेवन करने से आपके सोचने की क्षमता को बढ़ा सकती है. तुलसी के सेवन से उम्र बढ़ने के साथ मेमोरी कम होने के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है. (Image- Canva)
तुलसी में मौजूद यूजेनॉल, लिनालूल और सिट्रोनेलोल शरीर में सूजन से लड़ने में मदद कर सकते हैं. ये सूजनरोधी गुण अर्थराइटिस जैसी सूजन संबंधी स्थितियों के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं. तुलसी में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो रेस्पिरेटरी, यूरिन, पेट और स्किन इंफेक्शन से बचाने में मदद करते हैं. स्किन के लिए भी तुलसी के पत्तों को बेहद लाभकारी माना गया है.