पृथ्वी से कितना दूर है चंदा मामा का घर, सदियों से चले आ रहे महारहस्य का पता लगाएगा ‘भांजा’ विक्रम

चंद्रमा हमारे आकाश में सबसे चमकीली दिखाई देने वाली वस्तु है। आज दुनिया चांद पर जा रही है। जब भी कोई रॉकेट पृथ्वी से चंद्रमा की ओर उड़ान भरता है तो उसे वहां तक पहुंचने में कई दिनों से लेकर महीनों तक का समय लग जाता है।

यह विभिन्न अंतरिक्षयानों की गति पर निर्भर करता है। भारत का चंद्रयान-3 मिशन गुरुवार को लॉन्च किया जाएगा और अनुमान के मुताबिक, यह 23 अगस्त को चंद्रमा पर पहुंचेगा, जिसमें एक महीने से ज्यादा समय बाकी है। ऐसे में सवाल यह है कि चांद की दूरी कितनी है, जहां पहुंचने में उसे इतना समय लगता है।

चंद्रमा और पृथ्वी के बीच की दूरी कितनी है?
चंद्रमा दूर होने पर भी समुद्री ज्वार और सूर्य पर ग्रहण लगाकर हमारी पृथ्वी को प्रभावित कर सकता है। नासा के अनुसार, पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की औसत दूरी लगभग 384,400 किमी है। दरअसल, चंद्रमा पृथ्वी को केंद्र मानकर उसकी परिक्रमा नहीं करता है। इसीलिए इसके बीच की दूरी समय-समय पर बढ़ती रहती है। कभी-कभी यह हमारे ग्रह के करीब होता है और कभी-कभी यह बहुत दूर होता है। चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर के पास एक ऐसा उपकरण है जो उसकी दूरी को और अधिक सटीकता से मापेगा।

निकटतम चंद्रमा की दूरी
जब चंद्रमा पृथ्वी पर या उसके सबसे करीब होता है तो उसे पेरिगी कहा जाता है। तब यह 363,300 किमी दूर है। इस दौरान यदि चंद्रमा अपनी पूर्णिमा अवस्था में होता है तो इसे सुपरमून कहा जाता है। यह शब्द वैज्ञानिक नहीं है, लेकिन खगोलीय घटनाओं के पर्यवेक्षकों द्वारा उपयोग किया जाता है।

चंद्रमा पृथ्वी से सबसे दूर
जब चंद्रमा पृथ्वी से सबसे अधिक दूर होता है तो उसे अपभू कहा जाता है। यह हमारे ग्रह से 405,500 किमी दूर है। अगर इस दौरान सूर्य ग्रहण होता है तो यह आसमान में आग के छल्ले जैसा दिखता है। इस दूरी और निकटता को ध्यान में रखते हुए भी मिशन लॉन्च किया जाता है। इंसानों को भेजने का मिशन सैटेलाइट भेजने से भी तेज़ है। नासा ने अब तक चंद्रमा पर आठ क्रू मिशन भेजे हैं।

इंसान को पहुंचने में कितना समय लगा
अपोलो-11 पहली बार इंसानों को लेकर चांद पर पहुंचा। तब इसे चंद्रमा की सतह तक पहुंचने में 4 दिन, 6 घंटे और 45 मिनट का समय लगा था। हालाँकि, एक ऐसा अंतरिक्ष यान भी रहा है जिसे चाँद तक पहुँचने में आधा दिन भी नहीं लगा। यह अंतरिक्ष यान न्यू होराइजन्स था जिसे चंद्रमा तक पहुंचने में केवल 8 घंटे 35 मिनट का समय लगा। इसके बाद अंतरिक्ष यान न तो धीमा हुआ और न ही चंद्रमा की कक्षा के करीब पहुंचा, बल्कि प्लूटो की अपनी यात्रा पर जारी रहा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *