जिले स्तर में डीएम और एसपी अपने-अपने क्षेत्र में सबसे बड़े अधिकारी होते हैं. हांलाकि दोनों के अधिकार क्षेत्रों में बहुत अंतर होता है.एसपी और डीएम में सबसे बड़ा अंतर ये है कि, एसपी, आईपीएस यानी इंडियन पुलिस सर्विस का पद है और डीएम, आईएएस यानी इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस का पद है.
डीएम और एसपी में अंतर
वहीं जिले स्तर पर डीएम और एसपी के कार्यक्षेत्रों की बात की जाए तो, डीएम के पास रेवेन्यू कलेक्ट करने से लेकर जिले में लॉ एंड मेंटेन रखना उनके जिम्मेदारियों के अंतर्गत आता है. इसके अलावा संबंधित जिले के लिए नीतियां बनाना, सरकारी योजनाओं को लागू कराना, भूमि से जुड़े राजस्व इकट्ठा करना भी डीएम के अधिकार क्षेत्र में आता है. जबकि पुलिस प्रशासन में एसपी यानी सुपिरिटेंडेंट ऑफ पुलिस, जिले में सबसे बड़ा पद होता है. उसके अंतर्गत जिले के सभी थाने आते हैं. एसपी को असिस्ट करते हैं एएसपी. अगर दोनों पदों के बीच पावर की तुलना की जाए, तो वैसे तो दोनों अलग-अलग क्षेत्र में एक समान लेवल की पावर होल्ड करते हैं. लेकिन कहा जा सकता है कि एक डीएम के पास ज्यादा पॉवर होती है, क्योंकि उसके पास एसपी के मुकाबले अधिक क्षेत्रों में फैसले लेने के अधिकार होते हैं.
आखिर कितनी मिलती है सैलरी
डीएम और एसपी के सैलरी की बात करें तो, एसपी की बेसिक सैलरी लगभग 78800 रूपए के आसपास होती है. वहीं एचआरए समेत अन्य भत्ते मिलाकर यह 1,10,000 से लेकर 1,35,000 रूपए के आसपास हो सकती है. वहीं एक डीएम की सैलरी की बात करें तो बेसिक 80,000 रूपए के आसपास होती है. वहीं भत्तों को मिलाकर ग्रॉस सैलरी 1 लाख के ऊपर भी पहुंच जाती है. साथ ही एसपी और डीएम दोनों को सरकारी बंगला, वाहन, कुक, माली समेत अन्य कामों में सहायता के लिए सहायकों की सुविधा दी जाती है.