* प्रियंका गांधी का सम्बोधन*
दूर-दूर से दाई दीदी बहिनी मन ल जोहार ! उन्होंने बम्लेश्वरी मईया और छत्तीसगढ़ महतारी की जयकारे के साथ अपने संबोधन की शुरुआत की।
श्रीमती प्रियंका गांधी ने कहा मैंने बचपन में पिट्ठुल, गिल्ली डंडा, और कंचे सभी खेल खेले हैं।
आधुनिक भारत की नींव यहीं डली। ये आपकी मेहनत, आपका जज्बा और आपकी पहचान की मिसाल है।
देश की उद्यमशीलता और आत्मनिर्भरता के सपने का प्रतीक है।