चैत्र नवरात्रि का सातवां दिन 8 अप्रैल, शुक्रवार को है। नवरात्रि के सातवें दिन को दुर्गा सप्तमी के नाम से भी जानते हैं। इस दिन मां कालरात्रि की पूजन का विधान है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां कालरात्रि दुष्टों का विनाश करने वाली हैं। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, मां कालरात्रि की पूजा करने वाले भक्तों पर मां दुर्गा की विशेष कृपा बनी रहती है।
कैसा है मां कालरात्रि का स्वरूप-
मां कालरात्रि के चार हाथ हैं। उनके एक हाथ में खड्ग (तलवार), दूसरे लौह शस्त्र, तीसरे हाथ में वरमुद्रा और चौथा हाथ अभय मुद्रा में हैं। मां कालरात्रि का वाहन गर्दभ है।
मां कालरात्रि का प्रिय रंग और पुष्प- मां कालरात्रि को रातरानी का पुष्प अर्पित करना शुभ माना जाता है। मान्यता है कि मां कालरात्रि को लाल रंग प्रिय है। इसलिए पूजा के समय लाल रंग का गुलाब या गुड़हल अर्पित करना चाहिए।
मां कालरात्रि पूजन विधि-
नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि का पूजन किया जाता है। माता रानी को अक्षत, पुष्प, धूप, गंधक और गुड़ आदि का भोग लगाएं। मां कालरात्रि को रातरानी पुष्प अतिप्रिय है। पूजन के बाद मां कालरात्रि के मंत्रों का जाप करना चाहिए। व अंत में आरती उतारें।