राजधानी नई दिल्ली में रहने वाले शिव नदार देश की दिग्गज आईटी कंपनी एचसीएल टेक्नोलॉजी के फाउंडर हैं. फोर्ब्स एशिया द्वारा जारी की गई भारत के 100 सबसे रईस लोगों को लिस्ट में शिव नदार तीसरे पायदान पर हैं. उनकी कुल नेटवर्थ 29.3 अरब डॉलर आंकी गई है. शिव नादर ने साल 1976 में एचसीएल ग्रुप की स्थापना की थी. यह भारत की पहली कंपनी है जिसने सबसे पहले स्वदेशी कंप्यूटर का निर्माण किया था. शिव नादर ने 4 दशक से ज्यादा समय तक एचसीएल का नेतृत्व किया. अब उनकी बेटी रोशनी नादार मल्होत्रा के हाथों में कंपनी की बागडोर है. वित्त वर्ष 2023 में शिव नादर और उनके परिवार ने हर दिन 5.6 करोड़ रुपये दान किए. इस तरह एक साल में उन्होंने कुल 2043 करोड़ रुपये परोपकारी कार्यों में लगाए. वित्त वर्ष 2022 में भी वे भारत के सबसे ज्यादा दान देने वाले शख्स थे. कई लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि हर दिन करोड़ों रुपये दान करने वाले शिव आखिर करते क्या हैं? वो इतना पैसा लाते कहां से हैं?
शिव नादर ने एचसीएल से खूब पैसा कमाया है. शिव नादर फैमिली के पास एचसीएल टेक्नोलॉजीज में 60 फीसदी हिस्सेदारी है. यही उनकी कमाई का सबसे बड़ा स्रोत है. पेशे से इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर शिव नादर ने अपने करियर की शुरुआत 1967 में वालचंद ग्रुप में नौकरी से की. एचसीएल से पहले उन्होंने माइक्रोकॉम्प नामक कंपनी बनाई जो कैलकुलेटर बनाती थी. साल 1976 में उन्होंने 2 लाख रुपये लगाकर एचसीएल टेक्नोलॉजी की स्थापना की. 1980 में कंपनी ने अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में आईटी हार्डवेयर बेचना शुरू किया.
शिव नादर ने 1994 में शिव नादर फाउंडेशन की शुरुआत की. 1996 में उन्होंने चेन्नई में एसएसएन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग नामक एक इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना की. वे शिक्षा के उत्थान में अपने दान का सबसे ज्यादा हिस्सा लगाते हैं. हुरुन की 2022 सूची में शिव नादर भारत के सबसे परोपकारी व्यक्ति बनकर उभरे थे. वित्त वर्ष 2022 में उन्होंने 1161 करोड़ रुपये का दान दिया. वहीं, वित्त वर्ष 2023 में शिव ने 2043 करोड़ रुपये परोपकारी कार्यों में लगाए.