रामनवमी पर आपकी हर मनोकामनाएं होगी पूरी… करिए विधि विधान से पूजन

चैत्र नवरात्रि की नवमी तिथि इस साल 10 अप्रैल, रविवार को है। इसे राम नवमी के नाम से भी जानते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, रामनवमी के दिन ही भगवान राम ने राजा दशरथ के घर जन्म लिया था। रामनवमी के दिन भगवान श्रीराम व माता सीता की पूजा करने के साथ हवन भी किया जाता है। कहते हैं कि रामनवमी के दिन हवन करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं व सुखद वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद प्राप्त होता है। जानिए रामनवमी पर हवन-पूजन का शुभ मुहूर्त, हवन सामग्री और विधि-

राम नवमी पर हवन का शुभ मुहूर्त-

राम नवमी 10 अप्रैल को सुबह 1 बजकर 24 मिनट से शुरू होगी, जो कि 11 अप्रैल को सुबह 03 बजकर 15 मिनट तक रहेगी। इस साल राम नवमी पर सुकर्मा व धृति योग भी बन रहा है। सुकर्मा योग 11 अप्रैल को दोपहर 12 बजकर 04 मिनट तक रहेगा। इसके बाद धृति योग शुरू होगा। कहते हैं कि इन शुभ योगों में शुरू किए गए कार्यों में सफलता हासिल होती है।

ब्रह्म मुहूर्त- 04:31 ए एम से 05:16 ए एम
अभिजित मुहूर्त- 11:57 ए एम से 12:48 पी एम
विजय मुहूर्त- 02:30 पी एम से 03:21 पी एम
गोधूलि मुहूर्त- 06:31 पी एम से 06:55 पी एम
अमृत काल- 11:50 पी एम से 01:35 ए एम, अप्रैल 11
रवि पुष्य योग- पूरे दिन
सर्वार्थ सिद्धि योग- पूरे दिन
रवि योग- पूरे दिन

हवन सामग्री-

रामनवमी पर हवन सामग्री में नीम, पंचमेवा, जटा वाला नारियल, गोला, जौ, आम की लकड़ी, गूलर की छाल, चंदन की लकड़ी, अश्वगंधा, मुलेठी की जड़, कपूर, तिल, चावल, लौंग, गाय की घी, इलायची, शक्कर, नवग्रह की लकड़ी, आम के पत्ते, पीपल का तना, छाल, बेल, आदि को शामिल करना चाहिए।

हवन विधि-

राम नवमी के दिन व्रती को सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर साफ- स्वच्छ वस्त्र पहनने चाहिए। इसके बाद हवन के लिए साफ-सुथरे स्थान पर हवन कुंड का निर्माण कर करना चाहिए। अब गंगाजल का छिड़काव कर सभी देवताओं का आवाहन करें। अब हवन कुंड में आम की लकड़ी और कपूर से अग्नि प्रज्जवलित करें। इसके बाद हवन कुंड में सभी देवी- देवताओं के नाम की आहुति डालें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हवनकुंड में कम से कम 108 बार आहुति डालनी चाहिए। हवन समाप्त होने के बाद भगवान राम और माता सीता की आरती उतारनी चाहिए।

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