देवउठनी एकादशी यानि आज 23 नवंबर से मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे। इस बार 23 नवंबर के बाद से 21 दिनों में विवाह के कुल 19 मुहूर्त हैं। इनमें 14 शुभ मुहूर्त हैं। पंडित विवेक शर्मा के मुताबिक 16 दिसंबर को सूर्य देव धनु राशि में प्रवेश करेंगे। इसके साथ ही खरमास पक्ष शुरू हो जाएगा। यह 15 जनवरी मकर संक्रांति तक रहेगा। इस दौरान मांगलिक कार्य पर विराम रहेगा। खरमास में धनु राशि यानी अग्नि भाव में सूर्य होते हैं। इसके चलते ही शुभ कार्य निषेध माने गए हैं।
अधिकमास के कारण हुआ विलंब
इस साल दो सावन और अधिकमास के कारण सभी तरह के पर्व-त्योहार और शादी विवाह की तिथियों में खासा विलंब हुआ है। देवशयनी एकादशी के साथ ही सभी तरह के मांगलिक कार्य बंद हो गए थे। वहीं कार्तिक माह की देवउठनी एकादशी से फिर शहनाई बजने की शुरुआत होगी,
शुभ मुहूर्त में विवाह से होती है सौभाग्य की प्राप्ति पंडित सुरेंद्र कुमार मिश्रा ने बताया कि शुभ मुहूर्त या तिथि में विवाह संपन्न होते हैं तो वर-वधु को सौभाग्य की प्राप्ति होती है। वैवाहिक जीवन सुखमय बना रहता है। विवाह की शुभ तिथि और मुहूर्त का सीधा संबंध भगवान विष्णु से माना जाता है। यही वजह है कि चातुर्मास में जब भगवान विष्णु शयन करते हैं तो मांगलिक कार्य रुक जाते हैं। 23 नवंबर को देवउठानी एकादशी पर शुक्र और गुरु का उदय हो जाएगा। पंडित सुरेंद्र कुमार मिश्रा ने बताया कि विवाह के लिए शुक्र, गुरु और राशि के अनुसार नक्षत्र का शुभ होना जरूरी होता है। पंचांग के अनुसार इस साल देवउठनी एकादशी के बाद, नवंबर में 24, 27, 28, और 29 तारीख विवाह के लिए शुभ रहेंगी। वहीं दिसंबर में 3,4, 5,6,7,8,9, 13,14 और 15 तारीख मांगलिक कार्यों के लिए शुभ हैं।